विभाग के घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों से बचने के लिए  यूपी सरकार ने निकाला नया तरीका

यूपी सरकार ने अपने ही विभाग के घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों से बचने के लिए एक नया तरीका खोज निकाला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमकिताओं में शामिल सामूहिक विवाह योजना की लाभार्थी दुल्हनों को उनका हक दिलवाने के लिए अब नई व्यवस्था की जा रही है।  योजना के तहत दुल्हनों को सरकारी उपहार के तौर पर दी जा रही पायल और बिछिया चांदी की जगह गिलट के मिलने पर व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब बिछिये-पायल देने की बजाय सामूहिक विवाह योजना में शामिल नवविवाहिता के खाते में सात हजार रुपये शिफ्ट किए जाएंगे। एक मई को कानपुर में प्रस्तावित सामूहिक विवाह में सरकारी गिफ्ट का यही तरीका अपनाया जाएगा।

औरैया में 18 फरवरी को सरकारी देखरेख में हुए सामूहिक विवाह के आयोजन में दुल्हनों को मिली पायल और बिछिये चांदी की जगह गिलट के होने की पहली घटना सामने आई थी। अमर उजाला में यह मुद्दा प्रमुखता से उजागर होने पर इसके लिए जिम्मेदार अफसरों और कर्मचारियों पर सख्ती की गई लेकिन इसके बाद भी कई अन्य जिलों से चांदी की जगह गिलट के आभूषण देने का मामला गर्माया।

पूर्व की घटनाओं से सबक लेते हुए अब सामूहिक विवाह योजना के दौरान आभूषण की जगह सात हजार कैश नवविवाहिता के खाते में शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। उपश्रमायुक्त राजेश मिश्रा ने बताया कि एक मई को कानपुर में हो रहे सामूहिक विवाह के आयोजन में यही तरीका अपनाया जाएगा। नवविवाहिताओं के बैंक खाते में सात हजार की रकम आरटीजीएस (रियल टाइम ग्रॉस सेटलेमेंट) की जाएगी।

पहले लगभग पांच हजार मूल्य के आभूषण (बिछिये-पायल) दिए जाते थे। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रखने के लिए विवाह के दौरान ही लाभार्थी का नाम पुकार कर ऑन स्क्रीन रकम ट्रांसफर की जाएगी। अगर नवविवाहिता का बैंक खाता नहीं है तो उसके बताए परिजन के खाते में रकम शिफ्ट की जाएगी। डीएलसी के मुताबिक सामूहिक विवाह में शामिल न होने वाले श्रमिक व्यक्तिगत स्तर से संतान की शादी के वक्त 65 हजार की सरकारी मदद हासिल कर सकते हैं। पहले यह धनराशि 55 हजार थी।

कानपुर उपश्रमायुक्त राजेश मिश्रा ने बताया कि सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी के इच्छुक युवकों और युवतियों को 15 अप्रैल तक आवेदन करने का मौका है। इस दौरान 300 जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत विवाह के साथ-साथ निकाह भी कराए जाएंगे। जो श्रमिक अपनी संतान का निकाह कराना चाहते हैं वो विभाग में आवेदन कर सकते हैं।

संबंधित का नाम बुलाकर ऑन स्क्रीन रकम ट्रांसफर की जाएगी ताकि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहे। अगर नव विवाहिता का बैंक खाता नहीं है तो किसी भी परिजन का खाता संख्या दिया जा सकता है। बताया कि निर्माण श्रमिक को समस्त प्रक्रिया पूरी करने की स्थिति में 65000 रुपये मिलेंगे। पहले यह धनराशि 55000 थी।

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