
देश-विदेश से लंबी उड़ान भरकर रंग बिरंगे पक्षी यमुना किनारे आने शुरू हो गए हैं। दिल्ली और एनसीआर के बढ़ते प्रदूषण के बावजूद यमुना किनारे पक्षियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। हालांकि, भोजन की तलाश में यमुना किनारे आ रहे इन विदेशी मेहमानों की संख्या कम हैं, लेकिन जैसे जैसे सर्दी बढ़ेगी तो इनकी संख्या में इजाफा होगा। दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद समेत एनसीआर के यमुना किनारे 10 से अधिक ऐसे ठिकाने हैं, जहां बड़ी संख्या में पिछले कई दशकों से विदेशी पक्षी आते हैं। यहां आकर अपना भोजन करते हैं और प्रजनन क्रिया पूरी करते हैं। फरवरी की शुरुआत से वापस भी लौटने लगते हैं।
दिल्ली-एनसीआर में सर्दी में हर साल यमुना किनारे मछली व जलीय पौधे खाने के लिए साइबेरिया और यूरोप से आते हैं कई प्रजातियों वाले जलीय तथा अन्य पक्षी
इन प्रजातियां के पक्षी आने हो चुके हैं शुरू
- ग्रेट कार्मोरेंट
- नार्थन शावलर
- फेरुजिनस पोचार्ड
- रेड क्रेस्टेड पोचार्ड
- पिनटेल
- रेड ब्रेस्टेड फ्लाईकैचर
- कैनरी फ्लाईकैचर
- पेंटेड स्टार्क
- यूरोपीय पाइड अवोसेट
- मार्श हैरियर
- पेट्रोनिया
- गढ़वाल कूट
- कामन पोचार्ड
- बार हैडर
- फ्लाई कैचर
- नारंगी कैचर
- हैड कैचर
देश के इन क्षेत्रों से आते हैं
- हिमाचल प्रदेश
- जम्मू कश्मीर
- केरल
- तमिलनाडु
कहां से आते हैं विदेशी पक्षी
- साइबेरिया
- चीन
- कनाडा
- तिब्बत
यूरोप के कई देश
दिल्ली-एनसीआर के ठिकाने
- यमुना बायोडायवर्सिटी पार्क (वजीराबाद)
- कमला नेहरू रिज (सिविल लाइंस)
- तिलपथ वैली, साउथ बायोडायवर्सिटी पार्क
- अरावली बायोडायवर्सिटी पार्क (वसंत विहार)
- नीला हौज लेक
- तुगलकाबाद फोर्ट के पीछे स्थित पार्क
- दिल्ली चिड़ियाघर
- हिंडन नदी (गाजियाबाद)
- सूरजकुंड (फरीदाबाद)
- नोएडा के यमुना किनारे स्थित पार्क
हिमपात है यहां आने की वजह
विशेषज्ञ ने बताया कि जिन देशों से ये पक्षी उड़कर आते हैं, वहां इन दिनों अधिक हिमपात होने के कारण पानी जम जाता है, जिसके कारण इन पक्षियों को भोजन मिलने में दिक्कत होती है। भोजन की तलाश में पक्षी दिल्ली आते हैं, जहां उन्हें उचित तापमान मिलता है।
चिड़ियाघर पहुंचे पेंटेड स्टार्क
चिड़ियाघर की निदेशक डा. सोनाली घोष ने बताया कि चिड़ियाघर में अब बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश से रंग बिरंगे दिखने वाले पेंटेड स्टार्क पहुंच गए हैं। बेहद खूबसूरत दिखने वाले पेंटेड स्टार्क पर्यटकों को लुभा रहे हैं। चिड़ियाघर के मेहमान के रूप में आए इन पक्षियों की चिड़ियाघर प्रबंधन भी जमकर खातिरदारी कर रहा है। उनके खानपान का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। तालाब में मछलियां डाली जा रही हैं। वहीं, यमुना किनारे बनाए गए पार्क में भी मछली डालकर पक्षियों का खयाल रखा जा रहा है।
पर्यावरण विशेषज्ञ फैयाज खुदसर ने बताया कि दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण का विदेशी मेहमानों पर कोई असर नहीं हो रहा है। वह हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आ गए हैं। रंग बिरंगे दिखने वाले ये पक्षी पिछले कई दशकों से भोजन की तलाश में यहां आते हैं।
परिस्थिति विज्ञान शास्त्री डा. एम शाह हुसैन ने बताया कि 50 से अधिक प्रजातियों के पक्षी इन दिनों दिल्ली एनसीआर के ठिकानों पर आते हैं, जो यहां पर्यटकों को लुभाते हैं। इसमें कनाडा, चीन, साइबेरिया, यूरोपीय देशों से पक्षी आते हैं। जो यहां आकर प्रजनन भी करते हैं।