दिल्ली : एक और नया खुलासा… पाउडर में न मिला कोई केमिकल

दिल्ली के प्रशांत विहार में हुए धमाके में पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। पुलिस खुफिया तरीके से इलाके में उन लोगों की पहचान करने में जुटी है, जो धमाका होने के बाद से गायब हैं। पुलिस सीसीटीवी कैमरे के जरिए ऐसे लोगों के संदिग्ध गतिविधि के बारे में जानकारी हासिल कर रही है। तीसरे दिन भी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस की एक टीम घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को खंगालने में जुटी है। 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना में घायल टेंपो चालक सहित करीब 50 लोगों से पुलिस अब तक पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने टेंपो चालक को शुक्रवार रात पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। पूछताछ में शामिल किसी भी शख्स ने आरोपी को देखने का दावा नहीं किया है। ऐसे में पुलिस घटनास्थल के पास से जब्त किए गए सीसीटीवी कैमरे से सप्ताह भर का फुटेज खंगाल रही है।

पुलिस ने घटनास्थल को पूरी तरह से सील कर दिया है। दुकानदारों का कहना है कि वह शनिवार को दुकान खोलने पहुंचे, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें दुकान खोलने की इजाजत नहीं दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाके की वजह से पुलिस ने मुख्य सड़क को पूरी तरह से बंद कर दिया है। जिससे स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत हो रही है।

सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर रख रही है नजर
देश की सुरक्षा व खुफिया एजेंसियां प्रशांत विहार थाना क्षेत्र में बंसीवाला स्वीट्स के पास हुए दूसरे धमाके को लेकर आतंकियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर नजर रखे हुए हैं। सुरक्षा एजेंसियों ने ऐसे कई ग्रुप की पहचान की है। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि धमाकों को लेकर कई संगठन जिम्मेदारी ले रहे हैं। ऐसे में उन संगठनों में पर नजर रखी जा रही है जो सक्रिय हैं।

बेंजोइल पेरोक्साइड में और कोई रसायन नहीं मिला हुआ था
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुरूआती जांच में एक और बात सामने आई है कि मौके से मिला पाउडर बेंजोइल पेरोक्साइड (ब्लिचिंग पाउडर) ही है और इसमें दूसरा केमिकल नहीं पाया गया है। रोहिणी स्थित प्रयोगशाला के अधिकारियों ने भी इसे बेंजोइल पेरोक्साइड ही बताया है।

स्थानीय प्रशांत विहार थाना पुलिस के अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, अपराध शाखा की टीमें, एनआईए व एनएसजी की टीमें लगातार जांच कर रही है। आठ डीवीआर की फुटेज को खंगालने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं।

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