Defence Expo 2020: लखनऊ में लगेगा अंतरराष्ट्रीय हथियारों का बाजार, इन देशों पर रहेगी नजर

पांच फरवरी से शुरू हो रहे डिफेंस एक्सपो में अत्याधुनिक हथियारों के साथ अंतरराष्ट्रीय फलक पर भारत के उभरते कद की तस्वीर भी दिखेगी। करीब आधी दुनिया के आधुनिक सैन्य हथियारों के साथ भारत का कूटनीतिक कौशल भी दिखेगा। हथियारों की मंडी के मंच पर वे देश भी एक साथ दिखेंगे, जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाते हैं। इनमें एक तरफ युद्ध के मुहाने पर खड़े अमेरिका और ईरान होंगे तो कट्टर विरोधी सऊदी-इजरायल भी साथ दिखेंगे। तमाम विरोधाभास के बावजूद ये सारे देश भारत के बुलावे पर सहर्ष पहुंच रहे हैं। हां, नहीं दिखेंगे तो कश्मीर मुद्दे पर केंद्र सरकार की मजबूत विदेश नीति से अलग-थलग पड़े पड़ोसी चीन और पाकिस्तान।

पांच दिन का यह आयोजन कहने को विशुद्ध रूप से हथियारों की खरीद-फरोख्त, प्रदर्शन के लिए है लेकिन, यह मौजूदा वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य में भारत के बढ़ते कद पर भी मुहर लगाएगा। खाड़ी समेत दुनिया के तमाम हिस्सों में तनाव के बावजूद डिफेंस एक्सपो में 50 से ज्यादा देशों के रक्षामंत्री और आला सैन्य अफसर अपने देश की सैन्य ताकत, टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं। इन देशों में वे भी हैं, जिनके रिश्ते बेहद तल्ख हैं लेकिन, भारत दोनों का ही समानांतर दोस्त है। यही वजह है, जानकार इस आयोजन को हथियारों की बड़ी डील के साथ दुनिया में भारत की राजनीतिक और सैन्य स्वीकार्यता बढ़ने के रूप में देख रहे हैं।

इजरायल का होगा सबसे बड़ा दल: डिफेंस एक्सपो में अमेरिका, रूस, इजरायल व फ्रांस सहित दुनिया के 54 देशों की प्रविष्टियां और उनके दलों के आने की पुष्टि हो चुकी है। हर मोर्चे पर अब तक भारत के साथ खड़ा रहने वाला इजरायल एक्सपो में सबसे बड़ा दल भेज रहा है। उसके 22 सदस्य होंगे। हाल के वर्षो में भारत और इजरायल के बीच रक्षा कारोबार रिकार्ड स्तर पर है। वहीं पारंपरिक मित्र जापान के 16 प्रतिनिधि आ रहे हैं। सऊदी अरब सहित तमाम खाड़ी देशों की मौजूदगी भी भारत के लिए रक्षा संतुलन की दृष्टि से काफी अहम होगी। आतंक और युद्ध से जूझ रहा सीरिया भी संभावनाएं तलाशने के लिए आ रहा है। तमाम अफ्रीकी देश भी भारत से सैन्य ताल्लुकात बढ़ाने के इच्छुक हैं।

यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने रची ‘काली साजिश’, जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए भेज रहा है घातक हथियार

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार 2016 से अब तक भारत का निर्यात सात गुना तक बढ़ा है। गत वर्ष चेन्नई में आयोजित एक्सपो से इसे काफी रफ्तार मिली और लखनऊ में इसमें और इजाफा होने के आसार हैं। डिफेंस एक्सपो में 500 संस्थानों और कंपनियों ने पंजीकरण कराया है। एक्सपो स्थल पर 22 हजार 633 वर्ग मीटर की जगह प्रदर्शनी के लिए बुक हो चुकी है।

डीजीपी ने लिया जायजा

डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने सोमवार को डिफेंस एक्सपो के आयोजन स्थल का भ्रमण कर सुरक्षा-व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डीजीपी ने एडीजी लखनऊ जोन एसएन साबत व अन्य अधिकारियों को खासकर यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखने के कड़े निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने आगन्तुकों के आने-जाने वाले मार्गो, मुख्य पंडाल, बैरीके¨डग व अन्य सुरक्षा-व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की। उल्लेखनीय है कि डीजीपी ने रविवार को भी डिफेंस इंडिया एक्सपो की तैयारियों का निरीक्षण किया।

एडीजी लखनऊ जोन एसएन साबत ने कहा कि डिफेंस एक्सपो की सुरक्षा-व्यवस्था में करीब छह हजार पुलिसकर्मी मुस्तैद रहेंगे। हर जोन में कई सेक्टरों में बांटकर एसपी से लेकर एएसपी व अन्य अधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। खासकर यातायात व्यवस्था को लेकर अतिरिक्त बंदोबस्त किए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में फेरबदल

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ आने का संशोधित प्लान भेजा है। पहले प्रधानमंत्री को बुधवार सुबह साढ़े नौ बजे आने का कार्यक्रम प्रस्तावित था और दस बजे उद्घाटन कार्यक्रम प्रस्तावित था। सोमवार देर रात प्रधानमंत्री कार्यालय से संशोधित कार्यक्रम जारी हुआ है। इसके मुताबिक अब प्रधानमंत्री दोपहर एक बजे लखनऊ आएंगे। इस बारे में मंडलायुक्त मुकेश मेश्रम ने खबर की पुष्टि कर दी। उन्होंने कहा कि संशोधित कार्यक्रम के मुताबिक तैयारी की जाएगी।

सीडीएस व तीनों सेना प्रमुख आएंगे

डिफेंस एक्सपो में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत भी शामिल होंगे। उनके साथ सेना के तीनों प्रमुख भी होंगे। छावनी में उनके आगमन को लेकर अलर्ट जारी हो गया है। सेनाध्यक्ष बनने के बाद जनरल मनोज मुकुंद नरवाणो अपने पहले दौरे में भी लखनऊ पहुंचेंगे। उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना चीफ एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया भी डिफेंस एक्सपो में शामिल होंगे।

देश में बनेंगे बमवर्षक ड्रोन

इजरायल और भारत एक्सपो में बमवर्षक ड्रोन बनाने की पार्टनरशिप एग्रीमेंट करेंगे। एचएएल मेक इन इंडिया तकनीक से एडवांस्ड मानवरहित कम्बैट एरियल व्हीकल्स (यूसीएवी) ड्रोन बनाएगा।

इन देशों पर रहेगी नजर

अमेरिका, दक्षिण कोरिया, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, आस्टिया, इजराइल, सिंगापुर, बुल्गारिया, जर्मनी, अमेरिका, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, फ्रांस, यूरोपियन देश चेक गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, कजाखस्तान, नार्वे, सऊदी अरब, जमैका, मैक्सिको, नेपाल, साइबेरिया, सूडान, सेशल्स, रवांडा, ईरान, घाना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, डिगाबूती व मिस्न आदि।

 

Back to top button