कर्नाटक: ‘आप’ को मिली करारी हार, सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। सीएम केजरीवाल के नाम का असर यह रहा कि गोवा के बाद यहां भी ‘आप’ के सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। 28 में से 16 सीटों पर ‘आप’ के प्रत्याशियों को 500-500 वोट भी नहीं मिले हैं। कर्नाटक: 'आप' को मिली करारी हार, सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त

केजरीवाल के नाम पर मांगे गए वोट 

कर्नाटक चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 222 सीटों में से 28 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस चुनाव में दिल्ली के विकास मॉडल का सपना वहां की जनता को दिखाया गया था। पार्टी के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम पर वोट मांगे थे।

टूट नहीं रहा ‘आप’ की हार का सिलसिला 

पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने केजरीवाल के नाम का खूब इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार हमारा मुख्य मुद्दा है। मगर जनता ने आम आदमी पार्टी को सिरे से नकार दिया है। इस चुनाव में सभी 28 प्रत्याशियों को मिलाकर कुल 21 हजार वोट मिले हैं। वैसे केजरीवाल की लगातार हार का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले पूर्वोत्तर के राज्यों में भी पार्टी की लुटिया डूबी है।

केजरीवाल की पार्टी को नकार दिया

नगालैंड और मेघालय में भी जनता ने केजरीवाल की पार्टी को नकार दिया था। इन राज्यों में इस दल को बहुत कम वोट मिले थे। पूर्व मंत्री व ‘आप’ के नाराज विधायक कपिल मिश्रा की मानें तो ‘आप’ मेघालय में केवल छह सीटों पर ही प्रत्याशी उतार सकी थी। ‘आप’ को सभी छह सीटों को मिलाकर केवल 1140 वोट मिले। इससे अधिक नोटा पर वोट पड़ गए। वहीं नगालैंड में भी ‘आप’ को कुल मिलाकर 7355 वोट मिले।

यूपी में हारे 

इतना ही नहीं इससे पहले 27 फरवरी को पंजाब के लुधियाना में नगर निगम के 95 वार्ड के हुए चुनाव में भी ‘आप’ बुरी तरह औंधे मुंह गिरी थी। केवल एक सीट पर ही जीत हासिल हो सकी थी। नवंबर 2017 में हुए उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के समय भी ‘आप’ हार गई।

गुजरात में मिली हार 

गुजरात में ‘आप’ को एक भी सीट नहीं मिली। इससे पहले ‘आप’ पंजाब विधानसभा चुना हार चुकी है। गोवा विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर जमानत ही जब्त हो गई थी। कपिल मिश्रा ने फिर कहा कि जब तक केजरीवाल अपनी गलतियों में सुधार नहीं करेंगे, आम आदमी पार्टी का बेड़ा गर्क होता रहेगा। केजरीवाल में सुधार होना संभव नहीं है और पार्टी का उठना भी असंभव है।

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