जेसिका लाल हत्याकांड: मनु शर्मा की रिहाई पर टाला फैसला

दिल्ली सरकार के सजा समीक्षा बोर्ड (एसआरबी) ने तिहाड़ जेल में बंद जेसिका लाल हत्याकांड के दोषी मनु शर्मा की रिहाई पर फैसला टाल दिया है. अधिकारियों ने बताया कि कल हुई अपनी बैठक में बोर्ड ने रिहाई से जुड़ी कई अन्य अर्जियों पर भी फैसला टाल दिया. इसमें तंदूर हत्याकांड के दोषी सुशील शर्मा की भी अर्जी शामिल थी.जेसिका लाल हत्याकांड: मनु शर्मा की रिहाई पर टाला फैसला

बोर्ड के एक सदस्य ने बताया कि रिहाई की अर्जियों पर फैसला इसलिए टाल दिया गया क्योंकि इस पर बोर्ड के सदस्यों की राय बंटी हुई थी. दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं.

बीते अप्रैल में बोर्ड की बैठक टाल दी गई थी. जेसिका की बहन सबरीना लाल का एक पत्र सामने आने के बीच बैठक टाली गई थी. सबरीना ने पत्र में तिहाड़ जेल अधिकारियों को बताया था कि उन्हें मनु शर्मा की रिहाई पर कोई ऐतराज नहीं है. साल 1999 में दक्षिण दिल्ली के एक रेस्तरां में मनु शर्मा ने जेसिका की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

मनु शर्मा के बरी होने के बाद जेसिका की बहन सबरीना ने तमाम कोशिशें की. जिसके बाद जेसिका लाल मर्डर केस में इंसाफ के लिए दिल्ली क्या पूरा देश एक साथ आ गया. दबाव बढ़ने पर इस केस को दोबारा खोलना पड़ा. फास्टट्रैक कोर्ट में केस चला. उसके बाद जेसिका के हत्यारे मनु शर्मा को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. उम्रकैद की सजा पाने के बाद मनु शर्मा फरलो पर जेल से बाहर आया और शादी भी रचाई.

मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वजह जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था. उसका हत्यारा और कोई नहीं मनु शर्मा था, जो कि हरियाणा के कद्दावर कांग्रेसी नेता विनोद शर्मा का बेटा है. लिहाजा जेसिका लाल मर्डर केस में इंसाफ की राहें मुश्किल हो गईं. सात साल तक चले मुकदमे के बाद फरवरी 2006 में सभी आरोपी बरी हो गए.
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