दिल्ली में छाया डेंगू का आतंक, एक सप्ताह में के 290 मरीज आए सामने…

दिल्ली में मच्छरों का आतंक जारी है। सोमवार को सामने आई नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी में एक सप्ताह में अचानक डेंगू के 290 मरीज सामने आए हैं। जबकि पूरे वर्ष की बात करें तो एक जनवरी से 27 अक्तूबर तक दिल्ली में डेंगू की वजह से 1310 मरीज अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं। हालांकि सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि इन दिनों डेंगू और मलेरिया से ज्यादा बुखार के मरीज देखने को मिल रहे हैं। 

निगम के रिपोर्ट के मुताबिक एक सप्ताह से 16 लोग बीमार पड़े हैं। जबकि पूरे साल में अब तक इनकी संख्या बढ़कर 427 पहुंच चुकी है। मैक्स अस्पताल के डॉ. विवेका कुमार की मानें तो अभी मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है। 

वहीं, सफदरजंग अस्पताल के डॉ. जुगल किशोर की मानें तो अस्पतालों में इन दिनों डेंगू और मलेरिया से ज्यादा बुखार के मरीज देखने को मिल रहे हैं। दिल्ली सरकार के डॉ. जितेंद्र का कहना है कि लोकनायक, डीडीयू और डॉ. हेडगेवार जैसे अस्पतालों में फीवर मरीजों की संख्या कई गुना बढ़ गई है। ओपीडी में हर दिन 200 से ज्यादा मरीजों का इलाज किया जा रहा है। जबकि अस्पतालों में फीवर वार्ड के बिस्तर भी कम पड़ गए हैं।       

डेंगू से पांच साल की बच्ची की मौत   

फरीदाबाद में डेंगू से एक पांच साल की बच्ची की मौत हो गई। शहर में इस साल डेंगू से मौत का यह पहला मामला है। क्यूआरजी अस्पताल में इस बच्ची का पिछले कई दिनों से इलाज चल रहा था। निजी अस्पताल की जांच रिपोर्ट में उसे डेंगू की पुष्टि हुई थी। उधर, स्वास्थ्य विभाग ने पूरे मामले का रिकॉर्ड तलब किया है।

जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. रामभगत का कहना है कि जांच के बाद ही कहा जा सकता है कि बच्ची की मौत डेंगू की वजह से हुई या फिर किसी अन्य कारण से। एनआईटी एक में गुरमीत वाधवा का परिवार रहता है। गुरमीत की पांच साल की बेटी गुंजन को कुछ दिन पूर्व तेज बुखार हुआ था। उसे सेक्टर-16 स्थित क्यूआरजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्राथमिक जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज का इलाज शुरू कर दिया। शुरुआत में बच्ची की हालत में सुधार हुआ, मगर फिर उसकी प्लेटलेट्स कम होती चली गई। शनिवार रात इलाज के दौरान गुंजन ने दम तोड़ दिया।

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि क्यूआरजी में एक पांच वर्षीय बच्ची की इलाज के दौरान मौत हुई है। इसे डेंगू से मौत कहना जल्दीबाजी होगा। अस्पताल से इस मामले का रिकॉर्ड तलब किया गया है। बच्ची के रक्त सैंपलों को अस्पताल की लैब में क्रॉस चेक किया जाएगा। सरकारी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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