बरेली में खाना परोसने पर दबंगों ने अनुसूचित जाति के परिवार को पीटा

बरेली। गांव विशनपुर गुलडिय़ा में हुए भंडारे के दौरान अनुसूचित जाति के व्यक्ति ने खाना परोसने की कोशिश की तो बखेड़ा खड़ा हो गया। हंगामा और कहासुनी के बाद दबंगों ने अनुसूचित जाति के परिवार की जमकर पीटा। दहशत के चलते पीडि़त परिवार खेतों छिपकर रहने को मजबूर है। मामले में पुलिस ने सात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।बरेली में खाना परोसने पर दबंगों ने अनुसूचित जाति के परिवार को पीटा

घटना 24 मई की बताई जा रही है। गांव विशनपुर गुलडिय़ा में भंडारा हुआ था। भंडारे में अनुसूचित जाति के सीताराम भी परिवार सहित पहुंचे थे। सीताराम व उनका परिवार जब भंडारे में खाने बैठा तो परोसने वालों की कमी पड़ गई। यह देखकर सीताराम के बेटे प्रेमशंकर ने सब्जी की बाल्टी उठाकर पंगत को परोसना शुरू कर दिया। इस पर गांव के ही धनीराम, डालचंद, लखपत, अशोक कुमार, कृष्णपाल, चंद्रपाल तथा मनोज कुमार ने उसको जमकर फटकार लगाई।

प्रेमशंकर के विरोध करने पर ये लोग लोग लामबंद होकर अनुसूचित जाति के परिवार वालों पर टूट पड़े। दबंगों के हमले में प्रेमशंकर, नंदराम तथा धर्मवीर गंभीर रूप से घायल हो गए। रात में ही पीडि़त किसी तरह थाने पहुंचे। पुलिस ने मामले में सभी आरोपितों पर एससी-एसटी एक्ट तथा अन्य धाराओं में मुकदमा कायम कर लिया।

खेतों में छिपकर रह रहा परिवार 

बेशक मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सात आरोपितों पर मुकदमा कायम कर लिया हो, लेकिन गांव के एकमात्र अनुसूचित जाति के परिवार की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। विवाद के चलते परिवार के सदस्य डर के कारण दबंगों के सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। रात में घर के सदस्य खेतों में छिपकर रहने को मजबूर हैं। इन हालात के चलते परिवार ने अब गांव छोडऩे का मन बना लिया है। मामले में सात लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पलायन या डराने संबंधी बात निराधार है। 24 मई को प्रेमशंकर के शराब पीकर भंडारे में पहुंचने पर कुछ लोगों ने एतराज जताया था। इसपर विवाद हुआ था। जांच में जातीय विवाद की कोई बात सामने नहीं आई है।

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