बांग्‍लादेश की कोर्ट ने सत्‍तारूढ़ दल के 39 कार्यकर्ताओं को सुनाई सजा-ए- मौत

बांग्‍लादेश की एक कोर्ट ने सत्‍तारूढ़ पार्टी को बड़ा झटका देते हुए उसके 39 कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है. कोर्ट ने ये फैसला 2014 को हुई एक नृशंस हत्‍या के मामले में मंगलवार को दिया है. दक्षिण बांग्लादेश की एक कोर्ट ने चार वर्ष पहले स्थानीय स्तर के अपनी ही पार्टी के एक नेता की हत्या के लिए सत्तारूढ़ अवामी लीग के इन कार्यकर्ताओं को मौत की सजा सुनाई है.

उपजिला अवामी लीग के अध्यक्ष इकरामुल हक पर फेनी शहर के एकेडमी इलाके में 20 मई 2014 को कार के अंदर पहले धारदार हथियार से हमला किया गया, फिर उन्हें गोली मारी गई और उन्हें जिंदा जला दिया गया. एक अभियोजक ने फेनी से फोन पर एजेंसी को ये जानकारीजानकारी दी, इस मामले में अदालत ने 39 लोगों को मौत की सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि सभी दोषी स्थानीय नेता और अवामी लीग के कार्यकर्ता थे. बचाव पक्ष के वकील राणा दास गुप्‍ता ने कहा,’ हम आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.

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15 ने गुनाह कबूला था

जिला न्यायाधीश की अदालत ने हालांकि 16 लोगों को बरी कर दिया. इनमें से एक मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी का स्थानीय नेता है. वह शुरूआत में मामले में मुख्य आरोपी लग रहा था. हक के भाई रेजाउल हक जसीम ने हत्या का मामला दर्ज कराया था. उन्होंने इस हत्या के लिए बीएनपी नेता मीनार और 30 से 35 अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया था. इस मामले में कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और उनमें से 15 ने अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया था.

ये हैं सामूहिक फांसी की सजा के कुछ चर्चित मामले

बांग्‍लादेश में सामूहिक फांसी की सजा देने के कई मामलों का इतिहास रहा है. पिछले साल नवंबर में कोर्ट ने 139 सैनिकों के खिलाफ 2009 में एक दर्जन सीनियर अफसरों की हत्‍या पर मौत की सजा को सही ठहराया था. पिछले साल अगस्‍त में पीएम शेख हसीना की हत्‍या की कोशिश के आरोप में 10 आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. 

 
 
 
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