कोरोना वायरस : अब दूसरा इटली बनने के द्वार पर यह देश, मौत के आकड़े हिला देंगे

कोरोना वायरस यूरोप में इटली के बाद अब स्पेन को अपना नया गढ़ बनाता जा रहा है. स्पेन में कोरोना वायरस के 40,000 मामले सामने आ चुके हैं जबकि 2700 लोगों की जानें जा चुकी हैं. कोरोना से मौत का यह आंकड़ा इटली और चीन के बाद सबसे बड़ा है. 

पिछले दो सप्ताह में स्पेन में दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना वायरस के केस बढ़े हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी वजह सरकार का देर से ऐक्टिव होना, स्पेन के लोगों की ऐक्टिव नाइटलाइफ और लॉकडाउन का पालन ना करना है.

स्पेन में लॉकडाउन के दूसरे सप्ताह की शुरुआत भी बेहद खराब हुई. पिछले 24 घंटे में 462 लोगों की मौतें हो गईं जो एक दिन में मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है. स्पेन में शुक्रवार तक कोरोना वायरस से 1000 मौतें हुई थीं लेकिन मंगलवार तक संख्या दोगुनी होकर 2500 के पार पहुंच गई. कोरोना से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश इटली और चीन में भी ऐसी दहशत देखने को नहीं मिली. स्पेन में चिंता की एक और बात ये है कि इटली की तुलना में यहां कई हिस्सों में बीमारी फैल चुकी है. इटली में जहां तीन इलाकों में पहली 100 मौतों में 90 फीसदी मौतें हुई थीं वहीं स्पेन में कोरोना वायरस कई इलाकों में अपनै पैर जमा चुका है. विश्लेषकों का कहना है कि स्पेन में फिलहाल कोरोना वायरस के मामलों में कमी नहीं आने वाली है.

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स्पेन की राजधानी मैड्रिड में मौतों की बढ़ती संख्या की वजह से शवगृहों तक में जगह नहीं बची है. इसी सप्ताह प्रशासन ने आइस स्केटिंग रिंक को ही शवगृह बनाने का फैसला किया है. नए कोरोना वायरस को लेकर भीड़ जुटाने को लेकर जारी की गई चेतावनी के बावजूद स्पेन में इसी महीने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर मार्च निकाला था. इस मार्च ने पहले ही तमाम लोगों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला दिया.

चार दिनों बाद मार्च में शामिल हुए दो मंत्री भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे और कोरोना के मामलों मे लगभग चार गुनी बढ़ोतरी हो गई थी. मार्च में शामिल हुईं स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सैंचेज की पत्नी भी कोरोना वायरस के टेस्ट में पॉजिटिव पाई गई हैं. महिला दिवस पर निकाले गए मार्च के एक सप्ताह बाद स्पेन की सरकार ने इमरजेंसी घोषित की और वायरस की रोकथाम के लिए पूरे देश में दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लागू कर दिया.

स्पेन में खाने की चीजें, दवाएं व अन्य जरूरी सामान खरीदने के अलावा घरों से निकलने पर बैन लगा दिया गया है. स्पेन की सरकार इस लॉकडाउन को 11 अप्रैल तक के लिए बढ़ाने पर भी विचार कर रही है. बर्सिलोना के ट्रियास पुजोल हॉस्पिटल के एक शोधकर्ता ओरियल मिटिजा ने एक इंटरव्यू में कहा, सरकार को बहुत पहले रोकथाम की रणनीति बना लेनी चाहिए थी.

लॉकडाउन के बावजूद कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी आने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. बीमारी देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच चुकी है और बुजुर्गों को आसान निशाना बना रही है. इटली की ही तरह स्पेन में 87 फीसदी मौतें उन लोगों की हुई हैं जो 70 या उससे ज्यादा उम्र के थे. इससे स्पेन के हॉस्टिपलों पर भी जबरदस्त दबाव है और कई स्वास्थ्यकर्मी भी इसकी चपेट में आ गए हैं.

स्पेन में लोगों की जीवनशैली और संस्कृति की वजह से सोशल डिस्टैंसिंग कामयाब नहीं हो पा रही है. मैड्रिड और बर्सिलोना जैसे शहरों के बार, रेस्टोरेंट में देर रात तक लोग चहलकदमी करते रहते हैं. इस वजह से भी स्पेन में कोरोना वायरस पर कंट्रोल करना और मुश्किल हो गया है.

 

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