उत्तराखंड में किसान आत्महत्या के मामले पर राज्यपाल से मिले कांग्रेसी

देहरादून: राज्य में किसानों को आत्महत्या से रोकने को ऋण माफ करने व ब्याजमुक्त ऋण देने की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राजभवन पहुंचकर राज्यपाल डॉ कृष्णकांत पाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि ऊधमसिंहनगर जिले के बिज्टी गांव में एक किसान फिर आत्महत्या को मजबूर हो गया। उत्तराखंड में किसान आत्महत्या के मामले पर राज्यपाल से मिले कांग्रेसी

राज्य सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए कदम नहीं उठाए हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में सरकार बनने पर किसानों के कर्ज माफ करने, ब्याजमुक्त ऋण देने और गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन में करने का वायदा किया था, लेकिन राज्य सरकार का कार्यकाल एक साल से ज्यादा बीतने पर भी इस वायदे पर अमल नहीं किया गया है। किसानों के आत्महत्या का सिलसिला जारी है। 

ज्ञापन में किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर उन्हें राहत देने, मौसम की मार से बर्बाद फसल का उचित मुआवजा देने की मांग भी की गई। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल व हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज चौहान, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रमोद कुमार सिंह, गोदावरी थापली, प्रभुलाल बहुगुणा, योगेंद्र खंडूड़ी शामिल थे। 

प्रीतम-हरीश रावत में बढ़ी दूरी 

प्रदेश कांग्रेस के मुखिया प्रीतम सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एकदूसरे के कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। सोमवार को स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नहीं पहुंचे तो किसानों के मुद्दों को लेकर राजभवन गए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में भी वह दिखाई नहीं दिए। ये दोनों कार्यक्रम प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में हुए। वहीं सोमवार दोपहर को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की काफल पार्टी से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने दूरी बनाए रखी। उनके थराली जाने की जानकारी दी गई। दोनों नेताओं के बीच दूरियां फिलहाल खत्म होती नहीं दिख रही हैं।

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