कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कैबिनेट मंत्री के आवास पर की मुलाकात, जानिए क्या है मुद्दा…

देहरादून। सोमवार की पूर्वाह्न 11 बजे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के यमुना कालोनी स्थित आवास में पहुंचते हैं। हरक सिंह से मिलने के लिए आये अन्य 15-20 लोग आवास में मौजूद हैं। हरक सिंह एक अन्य कमरे में प्रीतम सिंह से मुलाकात करते हैं। दोनों नेताओं के बीच लगभग 50 मिनट तक गुफ्तगू होती है। बातचीत होने के बाद प्रीतम सिंह प्रसन्न मुद्रा में बाहर निकलते हैं। फिर वह अपने गनर से कहते हैं कि अब शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय के आवास में चलो।

हरक और पांण्डेय के आवास के बीच मात्र एक सड़क का फैसला पैदल तय करक प्रीतम अरविन्द पाण्डेय के आवास में पहुंचते हैं। दोनों के बीच 20 मिनट की मुलाकात होती है और फिर प्रीतम कांग्रेस भवन के लिये रवाना हो जाते हैं। फिर प्रीतम बताते हैं कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र चकराता की समस्याओं को लेकर मंत्रियों से मिले हैं।

कैबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय के आवास के पास ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का आवास है। ठीक सवा बारह बजे प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय अपने साथ सपा नेता एसएन सचान समेत 13 अन्य नेताओं के साथ अजय भट्ट के आवास पर पहुंचते हैं। चूंकि भट्ट को किशोर के आने की पहले से ही सूचना है लिहाजा वे बुके मंगवाकर किशोर व उनकी टीम का स्वागत करते हैं।

किशोर की अगुवाई में पहुंची टीम 45 मिनट तक अजय भट्ट के साथ मीटिंग करती है। मीटिंग के बाद किशोर मुलाकात का एजेंडा बताते है। कहते हैं कि वे अपने वनाधिकार आन्दोलन को समर्थन मांगने के लिये अजय भट्ट से मिले हैं। भट्ट भी कहते हैं कि किशोर की मांग पर भाजपा सरकार और संगठन विचार करेगा।

तो क्या …?

– तो क्या ये समझा जाए कि उत्तराखण्ड की सियासत में नये समीकरण बन रहे हैं। किसी नई कहानी का तानाबाना बुना जा रहा है। धुर विरोधी राजनैतिक दलों के नेताओं की जुगलबंदी कयासों को जन्म दे रही है।

– कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी में किशोर उपाध्याय पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खेमे में हैं। हरीश अपनी आम पार्टी में सीएम त्रिवेन्द्र को बुलाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। तो क्या ये समझा जाए कि वनाधिकार आन्दोलन के बहाने किशोर किसी खास मकसद से अजय भट्ट से मिले हैं, ताकि उनसे सम्बंध बरकरार रखते हुये हरीश खेमे की किसी बेहद खास रणनीति को आगे बढ़ाया जा सके।

– पुराने कांग्रेसी होने के नाते हरक के प्रीतम से अच्छे सम्बंध हैं। प्रीतम का उनसे बंद कमरे में गुफ्तगू करना मायने रखता है। चर्चा यह भी है कि प्रीतम और इंदिरा हृदयेश ऐसे कांग्रेस छोड़कर गये ऐसे कद्दावर कांग्रेसियों को वापस लाना चाहते हैं जो हर रावत का विरोध करके भाजपा में शामिल हुये थे। तो यह समझा जाए कि प्रीतम उस रणनीति पर काम कर रहे हैं जो कांग्रेस को 2019 में मद्दगार साबित होगी।

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