छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने अब भी मायावती से लगा रखी है गठबंधन आस

कांग्रेस एक ओर मान रही है कि छत्तीसगढ़ में बसपा की सीटों की मांग को वह पूरा नहीं कर पाई। वहीं, उसे अभी आस है कि छत्तीसगढ़ में बात न बनने का मतलब अंतिम विराम नहीं है। बसपा के साथ बात बिगड़ने के बाद कांग्रेस नेता तरह-तरह के तर्क गढ़ रहे हैं। बसपा ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के साथ गठबंधन किया है। छत्तीसगढ़ में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

कांग्रेस के भीतर इस बात की उधेड़ बुन तेज हो गई है कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बातचीत परवान न चढ़ने का नतीजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। बावजूद पार्टी मायावती के खिलाफ खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी इसे राजनीतिक दबाव के रूप में देख रही है और अन्य राज्यों में गठबंधन पर आश्वस्त है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘छत्तीसगढ़ को एक संदर्भ के रूप में देखना चाहिए। 

ये सही बात है कि एक प्रदेश में हमारा गठबंधन नहीं हुआ, लेकिन इसे सभी राज्यों और लोकसभा चुनावों से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।’ सिंघवी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि बसपा छत्तीसगढ़ में कितने सीटें मांग रही थी। हालांकि सिंघवी मानते हैं कि दोनों संख्या के बीच की खाई पाट नहीं सके। छत्तीसगढ़ में बसपा को पिछले विधानसभा चुनाव में एक सीट मिली थी।

जोगी से गठबंधन पर कांग्रेस ने बसपा पर साधा निशाना

रायपुर। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी की पार्टी से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की घोषणा को लेकर बसपा पर निशाना साधा है। राज्य कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल ने कहा कि यह गठबंधन भाजपा के समर्थन के लिए हुआ है। राज्य के लोग इस बात को अच्छी तरह से समझ रहे हैं। 

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