राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने PM मोदी पर साधा निशाना और लगाया ये आरोप

कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साधा और आरोप लगाया कि मोदी ने अफसरों, रक्षा मंत्री और रक्षा खरीद परिषद की राय के खिलाफ जाकर लड़ाकू विमानों के ‘बेंचमार्क प्राइज’ (आधार मूल्य) को बढ़ा दिया. पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने राफेल से जुड़ी बैंक गारंटी को माफ करवा दिया और मध्यस्थता के प्रावधान को बदल दिया जो देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है.राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस ने PM मोदी पर साधा निशाना और लगाया ये आरोप

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने राफेल मामले की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग दोहराते हुए यह सवाल किया कि आखिर प्रधानमंत्री ने किसे फायदा पहुंचाने का काम किया? कांग्रेस के ताजा आरोपों पर सरकार या बीजेपी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

उन्होंने कहा कि देश के चौकीदार ने चोर दरवाजे से राफेल का दाम कैसे बदला ये सब सामने आ चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राफेल का बेंचमार्क प्राइस 39,422 करोड़ से  बढ़ाकर 62,166 करोड़ रुपये कर दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि रक्षा मंत्री ने इस बढ़ी कीमत को मानने से इंकार कर दिया. रक्षा मंत्री समेत तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने इसे मानने से मना कर दिया. इन सब बातों के बावजूद प्रधानमंत्री ने बढ़े हुए प्राइस को मंजूरी दे दी.

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी ने बैंक गारंटी की अनिवार्य शर्त देश हितों को ताक पर रखते हुए वेव ऑफ कर दी जबकि कानून मंत्रालय ने इसे जरूरी बताया था. इस संबंध में कानून मंत्रालय ने 9 दिसंबर 2015 को खत लिखा था. वहीं 18 अगस्त 2016 को एयर एक्विजिशन विंग ने भी बैंक गारंटी के बिना सौदे का विरोध किया था.

कांग्रेस नेता ने कहा कि इसके बाद यह मामला कानून मंत्रालय के पास गया. असल में कानून मंत्रालय ने 23 अगस्त 2016 को बैंक गारंटी की वकालत किया था. तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर 7 मार्च 2016 को कानून मंत्रालय की राय सहमत होकर फ़ाइल आगे बढ़ाई थी.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीसीएस हेड के तौर पर पीएम मोदी ने 24 अगस्त 2016 को बैंक गारंटी की छूट को मंजूरी दी थी. पीएम मोदी ने ओरबिट्रेशन की क्लॉज़ फ्रांस की सरकार के बजाय दसॉ कंपनी और हिंदुस्तान की सरकार के बीच कर दी. साथ ही पीएम मोदी ने ओरबिट्रेशन में हिंदुस्तान की जगह स्विट्ज़रलैंड कर दी, जबकि कानून मंत्रालय इसके हक़ में नहीं था. इससे साबित होता है कि मोदी देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

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