पंजाब में कांग्रेस अौर आप के विधायकों ने कराया नशे का सियासी डोप टेस्ट

चंडीगढ़। पंजाब में राजनीति फिलहाल नशे और डोप टेस्‍ट पर केंद्रित हो गई है। नशे के चलते हो रही मौतों के बाद पंजाब में सभी कर्मचारियों के डोप टेस्ट अनिवार्य करने के कैप्टन सरकार के फैसले के सभी दल इस मामले पर सक्रिय हो गए हैं। कर्मचारी संगठनों द्वारा नेताअों पर भी इसे लागू करने क मांग के बाद मंत्री आैर विधायक डोप टेस्‍ट के लिए पहल कर रहे हैं। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह आैर कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी डोप टेस्‍अ कराने को तैयार हैं। विपक्षी दलाें ने सभी मंत्रियों और विधायकों के लिए यह अनिवार्य करने की मांग की है।पंजाब में कांग्रेस अौर आप के विधायकों ने कराया नशे का सियासी डोप टेस्ट

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कहा है कि वह अपना टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं। उन्‍होंने कहा कि अन्य चुने गए प्रतिनिधियों का निर्णय वह उनके विवेक पर छोड़ते हैं। गुरदासपुर के सांसद व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने मोहाली में कहा कि वह टेस्ट करवाने के लिए तैयार हैं। उम्मीद है कि विपक्ष के नेता भी तैयार होंगे।

आम आदमी पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा और चब्बेवाल से कांग्रेस विधायक डॉ. राजकुमार ने वीरवार को अपना डोप टेस्ट करवाया। मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा भी अपना डोप टेस्‍ट कराने मोहली के सिविल अस्‍पताल पहुंचे, लेकिन पहले से दवा लेने के कारण डॉक्‍टरों ने इससे मना कर दिया। वह बाद में अपना यह टेस्‍ट करवाएंगे।

दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) व आम आदमी पार्टी (आप) ने मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों और विधायकों के डोप टेस्ट करवाने की मांग की है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व मंत्री मदन मोहन मित्तल व आप के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों, मौजूदा मंत्रियों व अन्य नेताओं को भी टेस्ट करवाने चाहिए। डॉ. बलबीर सिंह ने कहा कि आप के सभी विधायक टेस्ट करवाएंगे। अकाली सांसद प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने टेस्ट पर सवाल उठाए हैं।

रोजगार न मिलने पर नशा कर रहे युवक: बादल

बठिंडा में हेल्थ चेकअप के लिए पहुंचे पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि नशा करने का मुख्य कारण फ्रस्ट्रेशन। रोजगार न मिलने के कारण युवक ऐसा कर रहे हैं। इसको दूर करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। सरकारी मुलाजिमों के साथ-साथ मंत्रियों व विधायकों का भी डोप टेस्ट किया जाना चाहिए। कैप्टन शोशेबाजी कर रहे हैं। सरकार एक फीसद मुलाजिमों की बजाय 99 फीसद लोगों पर काम करे।

बादल ने कहा कि सरकार एक्शन लेने का सिर्फ दिखावा कर रही है। आम लोगों तक पहुंचने की जरूरत है। सेमिनार लगाए जाने चाहिए। नशे के खिलाफ सभी पार्टियों, पंचों सरपंचों को आगे आना चाहिए। कुछ ऐसे नशे आ चुके हैं जिनका नशा करना मौत के वारंट पर दस्तखत करने जैसा है।

प्रत्याशी के हलफनामे के साथ अटैच हो डोप टेस्ट की रिपोर्ट: बैंस

लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के विधायक सिमरजीत बैंस ने कहा कि चुनाव के दौरान प्रत्याशी के हलफनामे के साथ उसकी डोप टेस्ट रिपोर्ट भी अटैच की जाए। आनंदपुर साहिब से सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने डोप टेस्ट के फरमान पर कहा कि यह सरकार का कर्मचारियों पर भरोसा न होना साबित करता है। पुलिस व ड्रग्स माफिया के नेक्सस को तोड़ने की जरूरत है। ये क्या शर्त है कि विपक्ष के लोग भी अपना डोप टेस्ट करवाएं।

बता दें कि पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को राज्‍य सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए डोप टेस्‍ट अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद कर्मचारी संगठन भी मुखर हो गए। अब कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद भी सेवा के दौरान हर स्तर पर कर्मचारियों का डोप टेस्ट होगा। प्रमोशन से भी डोप टेस्‍ट किया जाएगा।

ड्रग तस्करों को फांसी की सजा देने के प्रावधान के प्रस्ताव के बाद मुख्‍यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह दूसरा बड़ा कदम उठाया। पंजाब में पिछले 34 दिनों में नशे से 47 युवाओं की मौत हो चुकी है। कर्मचारी संगठनों ने इस कदम का स्‍वागत किया है, लेकिन इसके साथ ही कहा है मुख्‍यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों और विधायकाें का भी डोप टेस्‍ट होना चाहिए।

पंजाब सिविल सेक्रेट्रिएट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष एसके खैहरा ने कहा कि हमें कर्मचारियों के डोप टेस्‍ट पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, हमारी मांग है कि वह इस बारे में नोटिफिकेशन में सीएम, मंत्रियों, विधायकाें, पार्टी के प्रधानों व उनके कार्यकर्ताअों को भी शामिल किया जाए। उन्‍होंने कहा कि कर्मचारियां का डोप टेस्‍ट होगा तो फिर इन लोगों को इससे छूट क्‍यों हो।

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