सीएम योगी ने बताई सचाई, क्यों इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया

इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने के बाद इसको लेकर विवाद जारी है. कुछ लोग इसका स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि नाम बदलने से क्या हासिल होने वाला है. इन तमाम बातों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाम बदलने की वजह के बारे में बताया. उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘लोग कह रहे हैं क्यों नाम बदल दिया, नाम से क्या होता है ? मैंने कहा तुम्हारे मां-बाप ने तुम्हारा नाम रावण और दुर्योधन क्यों नहीं रख दिया ?’

सीएम योगी ने कहा कि नाम का बहुत महत्व होता है. इस देश में सबसे अधिक नाम राम से जुड़ते हैं. अनुसूचित समाज में अधिकतम लोगों का नाम राम से जुड़ा है. नाम हमारी गौरवमयी परंपरा को साथ जोड़ता है.

पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान भी सीएम योगी ने इस बारे में बात करते हुए कहा था कि जिनको अपनी परंपरा की जानकारी नहीं, जिन्हें सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी नहीं है वे लोग इस फैसले पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों से बहुत उम्मीद भी नहीं की जा सकती है. उस समय उन्होंने कहा था कि 500 साल पहले मुगलकाल में प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद किया गया था. प्रयाग वह पवित्र स्थल है जहां ब्रह्मा जी ने प्रथम यज्ञ किया था और देश की 7 प्रमुख नदियों में तीन नदियों का पवित्र संगम यहां होता है.

बता दें, उत्तर प्रदेश शासन के राजस्व अनुभाग-5 अधिसूचना संख्या 1574/1-5-2018-72/2017 के माध्यम से 18 अक्टूबर 2018 को राज्यपाल राम नाईक ने जिला इलाहाबाद का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज कर दिया.

उससे पहले 13 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इलाहाबाद प्रवास के दौरान एक बैठक में अखाड़ा परिषद के सदस्यों और अन्य लोगों ने मुख्यमंत्री से कुंभ मेले से पहले जिले का नाम परिवर्तित कर प्रयागराज करने की मांग की थी. उसके बाद 16 अक्टूबर को इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किये जाने पर राज्य सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दी थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था. 

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