CM योगी ने किसानों को जोड़ा तकनीक से और कहा…

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों को तकनीक से जोड़ें। एकल फसल का जोखिम कम करने के लिए उनको कृषि विविधिकरण के लाभ के बारे में बताएं। किसी कार्यक्रम में संख्या गिनाने के बजाय उन किसानों को मौका दें जो अपने बूते खेतीबाड़ी के क्षेत्र में मिसाल बने हैं। उन किसानों की पहचान करें जिनमें लीक से हटकर कुछ करने का जज्बा हो। कृषि विश्वविद्यालय, इनसे संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और प्रगतिशील किसान ऐसे किसानों का मार्ग दर्शन करें। अगर ऐसा कर ले गए तो हर गांव में रामसरन वर्मा जैसे किसान होंगे। प्रगतिशील किसान वर्मा को राष्ट्रपति पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।

CM योगी ने किसानों को जोड़ा तकनीक से और कहा...

चार वर्ष में बहुत कुछ बदला

गुरुवार को अपने आवास पर द मिलियन फार्मर्स स्कूल योजना के शुभारंभ पर योगी ने कहा कि  कृषि विभाग, विश्वविद्यालय, केवीके और प्रगतिशील किसान अगर चाह लें तो पहले की ही तरह खेती ही सर्वोत्तम धंधा बन जाएगी। किसान रोजगार खोजने की बजाय औरों को रोजगार देने की स्थिति में होंगे। केंद्र और प्रदेश सरकार ऐसे हर काम में अपनी योजनाओं के साथ किसानों के साथ खड़ी है। योगी ने कहा कि चार वर्षों में बहुत कुछ बदला है। उर्वर जमीन, प्रचुर पानी एवं मानव संसाधन और बेहतर जलवायु के नाते खेतीबाड़ी के क्षेत्र में उप्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं।

 गुजरात की तरह मिसाल 

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने विभाग की उपलब्धियां और कार्य योजनाओं का जिक्र किया। नीति आयोग के सदस्य प्रो.रमेश चंद्र ने कहा कि खेतीबाड़ी की बेहतरी के लिए मौजूदा गति बनी रही तो एक दशक में उप्र कृषि के क्षेत्र में गुजरात की तरह मिसाल होगा। प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन ने द मिलियन फार्मर्स स्कूल के उद्देश्य और उपयोगिता की जानकारी दी। कृषि निदेशक सोराज सिंह ने आभार जताया। इस मौके पर वन मंत्री दारा सिंह चौहान, कृषि राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह धुन्नी, मत्स्य राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद, कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह और निदेशक उद्यान आर सिंह के अलावा बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।

योगी ने दिये लाभार्थियों को चयन के प्रमाणपत्र

योगी ने फार्म मशीनरी बैंक, कस्टम हायरिंग सेंटर और एग्री जंक्शन योजना के कुछ लाभार्थियों को प्रमाणपत्र भी दिये। मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए उपयोगी पुस्तक के विमोचन के साथ ही खाद-बीज की आनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की भी शुरुआत की। 

खेतीबाड़ी के क्षेत्र में प्रदेश की पहचान रामसरन

बाराबंकी के दौलतपुर गांव के रहने वाले रामसरन वर्मा ने करीब तीन दशक पहले परंपरागत खेती से शुरुआत की थी। बाद में उन्होंने आधुनिक तरीके से केले की खेती शुरू की। आज वह केले के साथ टमाटर, मेंथा और अन्य कई फसलें उगाते हैं। खेती में नवाचार और बेहतर उत्पादन के लिए कई पुरस्कार पा चुके वर्मा इस क्षेत्र में प्रदेश की पहचान बन चुके हैं।

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