इस शहर को सीएम रावत देंगे बड़ी सौगात, जल्द बनेगा जच्‍चा बच्‍चा अस्‍पताल

देहरादून: आयुष्मान भारत योजना के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहर की स्वास्थ्य सेवाओं के लिहाज से बड़ा एलान किया। उन्होंने कहा कि शहर में 300 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल बनेगा। जहां कैंसर का इलाज भी होगा। दून के नामी व्यवसायी ओबरॉय परिवार ने इसके लिए 15 बीघा जमीन भी उपलब्ध करा दी है। 

मुख्यमंत्री ने रविवार को गांधी शताब्दी नेत्र चिकित्सालय में 37 लाभार्थियों को आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड वितरित किए। प्रदेशभर में 300 गोल्डन कार्ड वितरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामय: के भाव के साथ इस योजना की शुरुआत देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक नई क्रांति है। सीएम ने कहा कि नेत्र चिकित्सालय व कोरोनेशन संयुक्त रूप से जिला अस्पताल के रूप में संचालित होंगे। यह जिला अस्पताल की प्रथम व द्वितीय यूनिट के तौर पर काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि कोरोनेशन अस्पताल की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत अस्पताल से सटी खाली जमीन पर 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने नेत्र चिकित्सालय में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य यूनिट का भी शुभारंभ किया। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि राज्य में 90 प्रतिशत प्रसूति संस्थागत हो। ताकि जच्चा-बच्चा को ससमय अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। इससे शिशु मृत्यु व मातृ मृत्यु दर में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि संक्रामक रोगों की रोकथाम में हमने पिछले एक डेढ़ साल में काफी सफलता पाई है। उन्होंने अस्पतालों की स्वच्छता पर विशेष जोर दिया। इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य, राज्य मंत्री रेखा आर्य, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक हरबंस कपूर, खजानदास, उमेश शर्मा काऊ, स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा, अपर सचिव युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे। 

मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम शुरू 

मुख्यमंत्री ने मलेरिया उन्मूलन कार्ययोजना 2018-22 का भी शुभारंभ किया। इसके तहत राज्य के सभी जनपदों में 2020 तक मलेरिया प्रभावितों की संख्या को शून्य किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 2022 तक राज्य में मलेरिया का पूरी तरह से उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है। 

अब टेली कार्डियोलाजी भी 

सीएम ने कहा कि तकनीक के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्र तक सस्ती और सुलभ चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया गया है। टेली रेडियोलाजी, टेली मेडिसिन और अब टेली कार्डियोलाजी इसी की एक शुरुआत है। पौड़ी में टेली कार्डियोलाजी शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि कुछ वक्त में प्रदेशभर में ओएफसी पहुंच जाएगी तो इस मुहिम को और बल मिलेगा। 

मेडिसिटी की होगी स्थापना 

आगाम  इन्वेस्टर समिट में स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के कई प्रस्ताव राज्य सरकार को मिले हैं। यह जानकारी खुद मुख्यमंत्री ने दी। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में मेडिसिटी की स्थापना की भी प्रस्ताव है। 

बनेंगे 22 ट्रांजिट हॉस्टल 

राष्ट्र य स्वास्थ्य मिशन के तहत प्रमुख चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 22 ट्रांजिट हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। ताकि चिकित्सकों को वहीं आवासीय सुविधा मिले। सीएम ने बताया कि इस मुहिम के तहत पौड़ी में पहले ट्रांजिट हॉस्टल का शिलान्यास कर दिया गया है। राज्य में पहले 50 फीसद तक डॉक्टरों की कमी थी, जिसे अब हम 75 प्रतिशत तक ले आए हैं। 

एयर-एंबुलेंस की शुरुआत जल्द

मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में समयबद्ध रूप से आकस्मिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए एयर-एंबुलेंस शुरू की जाएंगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए धनराशि आवटिंत कर दी है। इसके अलावा 108 के बेड़े में जनवरी माह तक नई एंबुलेंस जुड़ जाएंगी। 

दून मेडिकल कॉलेज में आइसीयू यूनिट 

दून मेडिकल कॉलेज में जल्द आइसीयू यूनिट की शुरूआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार मात्र सरकारी प्रयासों तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि सामाजिक कार्य करने वाले संगठनों, व्यक्तियों को भी इसमें सहायता करनी चाहिए। 

लाभार्थियों की सूची में ऐसे देखें नाम 

वेबसाइट व हेल्पलाइन नंबर के जरिये यह पता किया जा सकता है कि लाभार्थियों की अंतिम सूची में किसी व्यक्ति नाम है या नहीं। इसके लिए कोई व्यक्ति आयुष्मान भारत की वेबसाइट पर नाम चेक कर सकता है या फिर हेल्पलाइन नंबर 14555 पर कॉल भी कर सकता है।  

योजना से ये होंगे लाभ

– प्रदेश में यह योजना अटल आयुष्मान योजना के रूप में होगी संचालित। 

– प्रथम चरण में 5 लाख 37 हजार 652 लाभार्थियों का चिहनीकरण। 

– योजना को विस्तारित कर राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों, पेंशनधारियों व उनके आश्रितों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा। 

– राज्य के लगभग 22 लाख परिवारों को आच्छादित करेगी योजना। 

– इस योजना के तहत 5 लाख प्रति परिवार प्रतिवर्ष की दर से निश्शुल्क चिकित्सा।  

– राज्य व देशभर में सूचीबद्ध अस्पतालों में भर्ती होने पर इलाज। 

– 1350 बीमारियों का होगा इलाज, 105 तरह की डे केयर सुविधा। 

– योजना में लाभार्थियों की सहायता के लिए प्रत्येक अस्पताल में आरोग्य मित्र नामित। 

– आरोग्य मित्र बायोमेट्रिक आधारित गोल्डन कार्ड बनवाने में सहायता करेंगे। 

– राज्य में 97 सरकारी व 24 निजी अस्पताल सूचीबद्ध।

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