CM योगी ने प्रदेश में बन रहे नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण तय समय में करने में अधिकारियों को दिए ये निर्देश

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में बन रहे नए मेडिकल कॉलेजों का निर्माण तय समय में करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैैं। स्वशासी पद्धति से तैयार हो रहे पांच मेडिकल कॉलेजों का निर्माण इसी साल सितंबर तक और शेष आठ का फरवरी, 2021 तक निर्माण पूरा होना है। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों में मरीजों व तीमारदारों से अच्छा व्यवहार करने के निर्देश भी दिए हैैं।

लोकभवन में मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अयोध्या, बस्ती, फीरोजाबाद, शाहजहांपुर व बहराइच में बन रहे पांच स्वशासी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 30 सितंबर तक पूरा करने और अन्य आठ मेडिकल कॉलेजों का निर्माण एटा, गाजीपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, फतेहपुर, हरदोई, देवरिया व सिद्धार्थनगर में फरवरी, 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिए। जौनपुर मेडिकल कॉलेज का निर्माण उप्र निर्माण निगम से पूरा करने को कहा, जिससे अगले सत्र से यहां छात्रों का प्रवेश हो सके।

मुख्यमंत्री ने अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए जल्द भूमि का प्रबंध करने और आगरा व कानपुर मेडिकल कॉलेज के लिए नई इमारतें बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने एसपीजीआइ, लोहिया संस्थान और किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा करते हुए बलरामपुर में सेटेलाइट कैंपस स्थापना के काम में तेजी लाने को कहा। गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी व मेरठ में सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक का निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, मुख्य सचिव डॉ.अनूप चंद्र पांडेय व चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ.केके गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

एमबीबीएस में बढ़ीं एक हजार सीटें

समीक्षा बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में एमबीबीएस की एक हजार सीटें बढऩे की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में सात नये एमबीबीएस कोर्स शुरू हुए हैं, जबकि पीजी पाठ्यक्रमों में भी 680 सीटेें बढ़ी हैैं। छह पुराने राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 484 नॉन पीजी जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के पद सृजित किए गए हैैं। पांच स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में भी एमबीबीएस की पढ़ाई की अनुमति एमसीआइ से मिल गई है। मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए पूर्व छात्रों को जोडऩे के लिए कहा, जिससे वे अपने संस्थान के विकास में सहयोग कर सकें। उन्होंने कहा कि टीम भावना से ही परिवर्तन लाया जा सकता है।

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