CM नीतीश कुमार राजनीति के साथ दोस्ती और रिश्ते निभाना बखूबी जानते हैं, पढ़े पूरी खबर

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी माने जाते हैं। साथ-साथ वे दोस्ती निभाना भी अच्छी तरह जानते हैं। इसका ताजा उदाहरण है अपने कॉलेज के दिनों के मित्र और झारखंड (Jharkhand) के दिग्गज नेता सरयू राय (Saryu Rai) को जमशेदपुर पूर्व सीट पर समर्थन देने की जदयू की घोषणा। एक समय सरयू राय ने भी पार्टी नेताओं के खिलाफ जाकर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का साथ दिया था।

जदयू नेता ललन सिंह ने कहा-सरयू का करेंगे समर्थन

लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरयू राय को समर्थन देने की विधिवत घोषणा करते हुए कहा कि जमशेदपुर पूर्वी से पार्टी निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय (Saryu Rai) का समर्थन करेगी।

उन्होंने कहा कि सरयू राय भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अब उन्होंने एक नयी लड़ाई शुरू की है, जिसका जदयू समर्थन करता है। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पिछले 14 साल से बिहार में शासन कर रहे हैं, उन्होंने बिहार में परिवर्तन कर दिखाया है। सबको पता है कि बिहार में जदयू की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ चल रही है।

इस मामले में सरयू-नीतीश में है समानता

उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह ही सरयू राय ने भी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ी है। सरयू राय ने राज्य की भाजपा सरकार में रहकर भी ये काम जारी रखा। जेडीयू भी हमेशा भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ रहा है और उनके साथ संबंधों का तक़ाज़ा ही है कि पार्टी उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करेगी।

जदयू कर रहा है सरयू का समर्थन, कहीं ये वजह तो नहीं

माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के इशारे पर ही जदयू की तरफ़ से किसी को भी जमशेदपुर की किसी सीट से उम्मीदवारी नहीं दी गई है। वहां के स्थानीय नेताओं ने सोमवार को माना था कि पार्टी की तरफ़ से इशारा किया गया है कि सरयू राय के समर्थन में काम करना है।

सरयू राय को बीजेपी के टिकट से बेदख़ल करने में अन्य कारणों के साथ-साथ नीतीश कुमार से उनकी मित्रता को भी आधार बनाए जाने की चर्चा रही। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार इस बात से चिढ़े हुए हैं।

कई वर्ष पूर्व जब बीजेपी नेता नीतीश कुमार को चारा घोटाले में लपेटना चाहते थे और बार-बार मांग करते थे कि उन्हें भी आरोपी बनाया जाये, तब सरयू राय भी नीतीश के समर्थन में खड़े दिखे थे। उन्‍होंने सार्वजनिक रूप से उस मांग का न केवल विरोध किया था, बल्कि कहा था कि राजनीतिक प्रतिशोध में अनावश्यक मांग की जा रही है। इस कारण बिहार बीजेपी के नेता, खासकर सुशील मोदी उनसे ख़फ़ा भी हो गये थे।

सरयू के लिए नीतीश कुमार कर सकते हैं चुनाव प्रचार 

बता दें कि विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के समय ही सरयू राय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस क़दम के बारे में संकेत दे दिया था कि नीतीश कुमार सरयू राय के लिए कैंपेन भी करेंगे।

जदयू नेता ललन सिंह ने भी कहा है कि कुछ सीटों पर नीतीश कुमार चुनाव प्रचार करने आयेंगे। अगर सरयू राय की ओर से आग्रह किया गया तो नीतीश कुमार जमशेदपुर पूर्वी में चुनाव प्रचार करने आएंगे।

राजनीतिक धरातल पर खासकर बिहार की राजनीति औऱ नीतीश-सरयू की दोस्ती का कितना असर होगा फ़िलहाल यह तो नहीं कहा जा सकता, लेकिन सरयू राय को इस समर्थन से एक राजनीतिक बल जरूर मिलेगा।

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