CM एचडी कुमारस्वामी ने कहा- आखिर हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए कौन जिम्मेदार?

कर्नाटक में जारी सियासी घमासान का आज अंत हो जाएगा। कर्नाटक विधानसभा में कुमारस्वामी सरकार आज फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी। विश्वास मत पर कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल बहस चल रही है। आज जैसे ही सदन में विश्वासमत पूरा होगा, उसके बाद ये स्पष्ट हो जाएगा कि कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार बनी रहती है या फिर गिर जाती है।

कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वासमत बहस के दौरान कहा कि मुझमें और मेरे मंत्रियों में स्वाभिमान है। तो आखिर सरकार को अस्थिर करने के लिए कौन जिम्मेदार है ?

विश्वास मत पर कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल बहस चल रही है। इस दौरान बीजेपी और कांग्रेस विधायक के बीच तीखी बहस हो रही है।

कर्नाटक विधानसभा में सीएम एचडी कुमारस्वामी संबोधित कर रहे हैं। सीएम एचडी कुमारस्वामी ने दावा किया है कि उनके पास 105 विधायकों का समर्थन है। कुमारस्वामी ने कहा है कि- ‘मैं सिर्फ इसलिए नहीं आया क्योंकि इस बारे में सवाल है कि मैं गठबंधन सरकार चला सकता हूं या नहीं। घटनाओं से पता चला है कि कुछ विधायकों द्वारा भी अध्यक्ष की भूमिका को खतरे में डाल दिया गया है।

कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी विधानसभा पहुंच गए हैं। आज कुमारस्वामी सरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगी।

विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में शामिल होने से पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा है कि वो 101 प्रतिशत आश्वस्त हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस गठबंधन 100 से कम हैं और हम 105 पर हैं। ऐसे में इसमें कोई संदेह नहीं है कि उनकी पराजय निश्चित है।

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया भी फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए विधानसभा पहुंच गए हैं। जहां आज कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करना है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा और बीजेपी विधायक विधानसभा पहुंच गए हैं। विधानसभा में आज कुमारस्वामी सरकार फ्लोर टेस्ट का सामना करेगी।

फ्लोर टेस्ट से पहले गायब हुए कांग्रेस विधायक
कर्नाटक कांग्रेस के विधायक श्रीमंत बालासाहेब पाटिल महत्वपूर्ण फ्लोर टेस्ट से पहले गायब हो गए है। कर्नाटक विधानसभा में आज फ्लोर टेस्ट होना है। बताया जा रहा है कि बालासाहेब पाटिल को आखिरी बार करीब रात 8 बजे रिजॉर्ट में देखा गया था।सूत्रों के मुताबिक पूरी कांग्रेस पार्टी लापता विधायक श्रीमंत बालासाहेब पाटिल की तलाश में जुट गई है। उन्हें रात 8 बजे के आसपास रिसॉर्ट में देखा गया था। कांग्रेस के नेता एयरपोर्ट सहित हर जगह पर उनकी तलाश कर रहे हैं।

..तो गिर जाएगी कर्नाटक में सरकार
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर केआर रमेश को बागी विधायकों के इस्तीफे पर फैसला लेना है। 15 बागी विधायकों का इस्तीफा अगर स्पीकर मंजूर कर लेते हैं तो ऐसे में कुमारस्वामी सरकार की मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती हैं। ऐसे वक्त में जब एक कांग्रेस विधायक रोशन बेग सदन से निलंबित चल रहे हैं, उनका भी इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। इस तरह कुल मिलाकर कर्नाटक विधानसभा में सदस्यों की संख्या 224 से घटकर 208 रह जाएगी। बहुमत हासिल करने के लिए कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार को 105 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी, क्योंकि सभी 15 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर होने पर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 101 विधायकों का ही समर्थन बचेगा।इस्तीफा मंजूर होने पर कांग्रेस विधायकों की संख्या 79 से घटकर 66 और जेडीएस विधायकों की 37 से घटकर 34 हो जाएगी। ऐसे में इसका सीधा फायदा भाजपा को होने की उम्मीद है, जिसका दावा है कि उसके पास 105 विधायकों के साथ 2 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 15 बागी विधायकों के इस्‍तीफों पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने इस्तीफों पर निर्णय लेने का अधिकार स्पीकर केआर रमेश कुमार पर छोड़ दिया है। सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने विधानसभा अध्‍यक्ष को कहा कि वह अपनी मर्जी के मुताबिक जो भी फैसला करना चाहते हैं, वह करें लेकिन वह पहले बागी विधायकों के इस्तीफों पर फैसला लें। हालांकि, न्‍यायालय ने यह भी कहा कि वह स्पीकर पर फैसला लेने के लिए समय सीमा निर्धारित नहीं कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के विधायकों को विश्‍वास मत में भाग लेने को मजबूर नहीं किया जा सकता है। फैसले के बाद कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री (Karnataka CM) कुमारस्‍वामी (HD Kumaraswamy) ने बेंगलुरु (Bengaluru) में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक भी बुलाई थी।

स्‍पीकर अदालत में पेश करें अपना फैसला
मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ ने यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि बागी विधायक सदन की कार्यवाही हिस्सा लेने या नहीं लेने के लिए स्वतंत्र हैं। विधायकों को इसके लिए बाध्य न किया जाए। विधायकों के इस्तीफे पर विधानसभा अध्‍यक्ष नियमों के अनुसार फैसला करें। स्पीकर जब भी फैसला लें वह फैसला अदालत में पेश किया जाए। न्‍यायालय ने कहा कि कानूनी मसलों पर विस्‍तृत फैसला बाद में दिया जाएगा।

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