चीन ने नहीं WHO ने किया था कोरोना को लेकर यह बड़ा खुलासा

कोरोना वायरस के पहले मामले की चेतावनी चीन ने नहीं बल्कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दी थी। डब्ल्यूएचओ ने महामारी के शुरुआती चरण की जानकारी अपडेट की है जिसमें यह खुलासा हुआ है। डब्ल्यूएओ ने कहा कि वुहान में निमोनिया के मामलों को लेकर चेतावनी चीन द्वारा नहीं बल्कि चीन में स्थित डब्ल्यूएचओ के कार्यालय की ओर से दी गई थी

वहीं, डब्ल्यूएचओ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों को भी खारिज किया है। ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ पर महामारी को रोकने के लिए जरूरी जानकारी देने में नाकाम रहने और चीन के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया था। महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ के शुरुआती कदमों की आलोचना होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आरंभिक टाइमलाइन नौ अप्रैल को जारी की थी।
इस क्रोनोलॉजी (कालक्रम) में डब्ल्यूएचओ ने सिर्फ इतना कहा था कि हुबेई प्रांत के वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग ने 31 दिसंबर को निमोनिया के मामलों की जानकारी दी थी। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि यह सूचना चीनी अधिकारियों द्वारा दी गई थी या फिर किसी अन्य स्त्रोत से मिली थी।
हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस हफ्ते जारी नई क्रोनोलॉजी में घटनाओं के बारे में ज्यादा जानकारी दी गई है। इससे संकेत मिलता है कि वह चीन में स्थित डब्ल्यूएचओ का कार्यालय था जिसने 31 दिसंबर को ‘वायरल निमोनिया’ के मामले को अधिसूचित किया था।

उसी दिन, डब्ल्यूएचओ की महामारी सूचना सेवा ने अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय महामारी निगरानी नेटवर्क प्रोमेड की एक रिपोर्ट का संज्ञान लिया था, जिसमें वुहान में अज्ञात कारणों से निमोनिया के मामलों की सूचना दी गई थी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने चीनी प्राधिकरणों से दो मौकों पर एक जनवरी और दो जनवरी को इन मामलों के बारे में जानकारी मांगी थी, जिसकी जानकारी उन्हें तीन जनवरी को दी गई। 

डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य आपात स्थिति कार्यक्रम के निदेशक मिशेल रियान ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि किसी भी देश के पास किसी मामले की आधाकारिक तौर पर पुष्टि करने और उसकी प्रकृति और कारणों के बारे में एजेंसी को अतिरिक्त जानकारी देने के लिए 24-48 घंटे होते हैं।

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