मां दुर्गा के इस मंत्र का जप करने से खुशियों से भर जाएगी आपकी झोली

मां देवी दुर्गा की महिमा अपरम्पार है। मां शक्ति के अनेकों रुप हैं। मां दुर्गा अपने हर रुप में अपने भक्तों की रक्षा करती है और उन पर अपनी असीम कृपा बनाए रखती है। हिन्दू धर्म में भी मां दुर्गा को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। शायद यही वजह है कि जब भी किसी मनुष्य के सामने घोर विपदा आन पड़ती है, तो ज्योतिष सबसे पहले मां दुर्गा की स्तुति का ही सुझाव देते हैं। मां दुर्गा के पूजन से सभी प्रकार की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। मां की कृपा से कामों में आ रहे सारे विध्न- बाधाएं भी दूर हो जाती है। मां शक्ति की अराधना करने वालों के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत जरूरी होता है।

मां दुर्गा के इस मंत्र का जप करने से खुशियों से भर जाएगी आपकी झोलीयूं तो मां शेरावाली हर वक्त अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं, लेकिन कहा जाता है कि जो ध्यान पूर्वक दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं। उन पर मां विन्धेश्वरी अपनी विशेष कृपा बरसाती हैं। मां दुर्गा की आराधना और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ सर्वोत्तम है। मार्कण्‍डेय पुराण में ब्रहदेव ने मनुष्‍य जाति की रक्षा के लिए एक परम गुप्‍त, परम उपयोगी और मनुष्‍य का कल्‍याणकारी देवी कवच और देवी सुक्‍त बताया है और कहा है कि जो मनुष्‍य इन उपायों को करेगा, वह इस संसार में सुख भोग कर अन्‍त समय में बैकुण्‍ठ को जाएगा। ब्रहदेव ने कहा कि जो मनुष्‍य दुर्गा सप्तशती का पाठ करेगा उसे सुख मिलेगा।

धर्म शास्त्रों के अनुसार, दुर्गासप्तशती का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है। लेकिन आजकल के समय में संपूर्ण दुर्गासप्तशती पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। समय की कमी के चलते सप्तशती के पूरे पाठ को सभी लोग नहीं कर सकते। ऐसे में रोज सुबह मां दुर्गा की विधिवत पूजा- अर्चना कर के नीचे लिखे इस मंत्र का जप करने से संपूर्ण दुर्गासप्तशती पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी दुर्गासप्तशती भी कहते हैं। यह मंत्र इस प्रकार है-

मंत्र

या अंबा मधुकैटभ प्रमथिनी,या माहिषोन्मूलिनी,
या धूम्रेक्षण चन्ड मुंड मथिनी,या रक्तबीजाशिनी,
शक्तिः शुंभ निशुंभ दैत्य दलिनी,या सिद्धलक्ष्मी: परा,
सादुर्गा नवकोटि विश्व सहिता,माम् पातु विश्वेश्वरी
जप करने की विधि

सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवती दुर्गा के चित्र का विधिवत पूजन करें।
माता दुर्गा के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है। आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है। एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।

ज्योतिष शास्त्र की मानें तो नित्य दिन इस मंत्र का उपर दिए गए विधि से जप करने पर निश्चय ही मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। आपका बड़े से बड़ा संकट भी बड़ी ही आसानी से टल जाता है। आपकी सभी इच्छाएं पलक झपकते ही पूरी हो जाती है। आपको बता दें कि नवरात्र के दिनों में अपने भक्तों पर मां की विशेष कृपा होती है। ऐसे में 18 मार्च 2018 से चैत्र नवरात्र की शुरुआत हो रही है। नवरात्र में भी अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो मां दुर्गा आपकी झोली खुशियों से भर देगी।

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