JDU के मिशन 2019 को लेकर बदले तेवर, कार्यकर्ता संग मिल करेंगे कुछ ऐसा

पटना। लोकसभा चुनाव से पूर्व जदयू नए तेवर में दिखेगा। पार्टी ने इस बार प्राथमिक सदस्य बनाने का नया कीर्तिमान बनाया है। पिछली बार करीब 14 लाख सदस्य बने थे, परन्तु यह आंकड़ा इस बार 39 लाख के करीब पहुंच चुका है।JDU के मिशन 2019 को लेकर बदले तेवर, कार्यकर्ता संग मिल करेंगे कुछ ऐसा

जदयू ने इस वृद्धि का चुनाव में बेहतर लाभ लेने के लिए इनमें से करीब डेढ़ लाख सदस्यों को प्रशिक्षण दिया है। ये ट्रेंड कार्यकर्ता फिलहाल तो पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग दे रहे हैं, मगर जल्द ही ये गांव-गांव जाकर जनसंपर्क अभियान चलाएंगे। लोगों को जदयू के पक्ष में गोलबंद करेंगे।

पार्टी सूत्रों ने बताया कि जिला स्तर पर अभी अतिपिछड़ा सम्मेलन आयोजित हो रहा है और प्रशिक्षित कार्यकर्ता इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। 25 प्राथमिक सदस्य बनाने वाले कार्यकर्ता को ‘सक्रिय कार्यकर्ता की श्रेणी में रखा जाता है। फिलहाल सक्रिय कार्यकर्ताओं की संख्या डेढ़ लाख से अधिक है।

प्रशिक्षण देने का सिलसिला पिछले वर्ष दिसंबर में पटना में आरंभ हुआ था और इस दौरान करीब 24 हजार सक्रिय कार्यकर्ताओं को 13 विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षित किया गया था। बाद में इस साल फरवरी माह में जिला स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर शेष सक्रिय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी गई। 

जिन 13 विषयों पर सक्रिय कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी गई है उनमें सामाजिक सरोकार, महिला सशक्तिकरण एवं लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम पर अधिक फोकस है। आम लोगों को यह बताने की कोशिश होगी कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम का वह अधिक से अधिक लाभ उठाएं। सामाजिक सरोकार विषय में बाल विवाह एवं दहेज प्रथा पर रोक, नशाबंदी एवं कन्या सुरक्षा योजना को शामिल किया गया है।

प्रशिक्षण के दौरान इस बात पर फोकस था कि आम लोगों को जदयू के कार्यकर्ता अन्य दलों के कार्यकर्ताओं से भिन्न नजर आएं। लोग उनकी ओर आकर्षित हों और उनकी बातें सुनें। 13 विभिन्न विषयों पर बेहतर जानकारी के साथ वे आम लोगों को जदयू के पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास करेंगे तो अधिक सफल होंगे।

प्रशिक्षण के विषय

1. पार्टी विचारधारा

2. सामाजिक सद्भाव

3. सात निश्चय

4. कानून का राज

5. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम

6. महिला सशक्तीकरण

7. सोशल मीडिया, प्रबंधन एवं नेतृत्व विकास

8. सामाजिक सरोकार

9. दलित सशक्तीकरण

10. अतिपिछड़ा सशक्तिकरण

11. अल्पसंख्यक सशक्तिकरण

12. महादलित सशक्तिकरण

13. आदिवासी सशक्तिकरण

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