CBSE का बड़ा फैसला, डायबीटिक स्टूडेंट्स एग्जाम के बीच कर सकेंगे ये काम

सीबीएसई (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) ने बोर्ड एग्जाम देने वाले डायबिटीज के स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में स्नैक्स ले जाने की परमिशन दे दी है। सीबीएसई के मुताबिक, 10वीं और 12वीं के बोर्ड एग्जाम में भाग लेने वाले डायबिटीज के स्टूडेंट्स को एग्जाम के बीच में एक ब्रेक दिया जाएगा, जिसमें वे स्नैक्स खा सकते हैं। डायबीटिक पेंशेंट, जो रोज 2 से 4 इंसुलिन इंजेक्शन लेते हैं, को सलाह दी जाती है कि वे दो मील्स के बीच में ज्यादा गैप न लें।

एग्जाम में हाल स्टूडेंट्स

 

डायबिटीज के स्टूडेंट्स को मिली बड़ी राहत

अगर यह गैप ज्यादा हो जाता है तो लो शुगर लेवल की वजह से उन्हें सिर दर्द और बेचैनी होने लगती है। सीबीएसई के चेयरमैन आरके चतुर्वेदी ने बताया कि हम इस पर काम कर रहे हैं । हम इस मैटर पर अगले हफ्ते तक सर्कुलर भेजेंगे। दिल्ली डायबीटिक रिसर्च सेंटर के चेयरपर्सन डॉक्टर अशोक झिंगन की सलाह पर एजुकेशन बोर्ड ने यह फैसला लिया है।

झिंगन के अनुसार, ‘भारत में टाइप-1 डायबीटीज वाले 4 लाख बच्चे हैं, उनमें से 14000 बच्चे दिल्ली- एनसीआर में रहते हैं। इन बच्चों को खाने के आधे घंटे पहले इंसुलिन दी जाती है जिसका मतलब है सुबह 6.30 से 7.30 के बीच।’ झिंगन ने बताया कि खाने के बीच में ज्यादा गैप होने के कारण डायबीटिक्स का शुगर लेवल गिर जाता है और वे बेचैनी महसूस करने लगते है।

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