उन्नाव विधायक कांड: सीबीआइ ने तत्कालीन एसपी उन्नाव से पूछे कई अहम सवाल

लखनऊ। उन्नाव दुष्कर्म कांड में जांच को तेजी से आगे बढ़ा रही सीबीआइ ने शनिवार को उन्नाव की तत्कालीन एसपी पुष्पांजलि देवी से पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। सीबीआइ ने आइपीएस अधिकारी पुष्पांजलि देवी से पूछा कि पीडि़त किशोरी के पिता के साथ मारपीट के मामले में किसके दबाव में पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की।उन्नाव विधायक कांड: सीबीआइ ने तत्कालीन एसपी उन्नाव से पूछे कई अहम सवाल

किन परिस्थितियों में पहले पीडि़त किशोरी के घायल पिता के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और फिर उन्हें फर्जी तरीके तमंचे की बरामदगी दिखाकर जेल भेजा गया। यह पूरा प्रकरण उनकी जानकारी में कब और किसके जरिए आया। भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उनसे इस प्रकरण को लेकर कब-कब बात की और क्या सिफारिश की थी। सीबीआइ ने उनसे पीडि़त किशोरी की तहरीर पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज न किए जाने को लेकर भी सवाल किए। 

उन्नाव कांड में आरोपित विधायक सेंगर, तत्कालीन एसओ माखी आशोक सिंह व दारोगा कामता प्रसाद से लंबी पूछताछ के बाद तत्कालीन एसपी उन्नाव से पूछताछ को बेहद अहम माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ अब तत्कालीन एसपी के बयानों के आधार पर विधायक सेंगर व आरोपित पुलिसकर्मियों के बयानों का मिलान भी कराएगी।

सीबीआइ ने तत्कालीन एसपी से यह भी पूछा कि पीडि़त किशोरी की ओर से दुष्कर्म की शिकायत पर एफआइआर दर्ज न किए जाने पर उनकी ओर से क्या कार्रवाई की गई थी। पीडि़त किशोरी के पिता पर हमले की सूचना मिलने के बाद उन्होंने अधीनस्थों को क्या निर्देश दिए थे और फर्जी तरीके से तमंचे की बरामदगी दिखाकर झूठी एफआइआर दर्ज किए जाने के प्रकरण में उन्होंने बतौर एसपी क्या किया। सूत्रों के अनुसार ऐसे कई बिंदुओं पर तत्कालीन एसपी के सिलसिलेवार बयान दर्ज किए गए हैं। 

तत्कालीन एसओ की जमानत अर्जी खारिज 

उन्नाव कांड में तत्कालीन एसओ माखी व दारोगा को राहत नहीं मिल सकी। विधि संवाददाता के अनुसार, पीडि़त किशोरी के पिता को फर्जी तरीके से तमंचा बरामद कर जेल भेजने के आरोपित तत्कालीन एसओ माखी अशोक सिंह भदौरिया व दारोगा कामता प्रसाद सिंह की जमानत अर्जी सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने खारिज कर दी।

कोर्ट में सीबीआइ के लोक अभियोजक ने तर्क देकर कहा गया कि इस मामले की विवेचना में पता चला कि पुलिस ने पीडि़त किशोरी के पिता को घटनास्थल जाकर पकड़ा और थाने ले जाकर उसे अवैध हथियार रखने के फर्जी मामले में जेल भेज दिया। वहीं आरोपियों ने इस फर्जी मामले को सही दिखाने के लिए षडयंत्र किया, साक्ष्य मिटाये, अपराध छिपाने के लिए झूठी सूचना दी तथा फर्जी अभिलेख तैयार किये। जानबूझकर अपने पद का दुरुपयोग किया। सीबीआइ ने शनिवार को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पुलिस कस्टडी रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें सीतापुर जेल में दाखिल करा दिया। 

Back to top button