CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने टली 29 नवंबर तक सुनवाई

उच्चतम न्यायालय में सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा ने भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित सीवीसी की जांच रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल कर दिया है। उन्हें न्यायालय द्वारा दिए गए समय की मियाद कल 1 बजे खत्म होनी थी। कल ही निदेशक ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए न्यायालय से और समय मांगा था। जिसके बाद उनके अनुरोध को मानते हुए न्यायालय ने उन्हें दोपहर चार बजे तक का समय दिया था। न्यायालय ने वर्मा को ‘जल्द से जल्द’ अपना जवाब दाखिल करने को कहा था।CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने टली 29 नवंबर तक सुनवाई

अदालत ने यह भी कहा था कि वह मंगलवार को होने वाली सुनवाई को आगे की तारीख के लिए नहीं टालेंगे। न्यायालय ने वर्मा से कहा था कि वह जल्द से जल्द अपना जवाब दाखिल करें ताकि वह उनके जवाब को पढ़ सकें। मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की पीठ को वर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील गोपाल शंकरनारायण ने बताया कि सीबीआई निदेशक आज अपना जवाब दाखिल करने में सक्षम नहीं है। इसके जवाब में न्यायालय ने कहा, ‘हम तारीख को बदलने वाले नहीं हैं। आप जितनी जल्दी हो सके अपना जवाब दाखिल करें। हमें जवाब पढ़ना भी है।’ इसके जवाब में वकील गोपाल ने कहा कि निदेशक आज अपना जवाब दाखिल कर देंगे।

इस मामले पर 16 नवंबर को सुनवाई हुई थी। तब सीवीसी ने उनके मामले की जांच रिपोर्ट को एक सीलबंद लिफाफे में न्यायालय को सौंपा था। इस रिपोर्ट की एक कॉपी न्यायालय ने वर्मा को दी थी ताकि वह इसपर अपना पक्ष रख सके। इसके अलावा सीवीसी की रिपोर्ट अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता को भी सौंपी गई थी।

न्यायालय ने सीवीसी रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराने संबंधी सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के अनुरोध ठुकरा दिया था। न्यायालय ने कहा था कि सीबीआई में लोगों के भरोसे की रक्षा करने और संस्थान की पवित्रता बनाए रखने के लिए सीवीसी रिपोर्ट की गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच कर रही है।

वर्मा ने उच्चतम न्यायालय में अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप के बाद सरकार के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें ड्यूटी से हटाने और छुट्टी पर भेजा गया था। इससे पहले 12 नवंबर को मामले की सुनवाई हुई थी। जिसमें सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में न्यायालय को सौंपी थी। इसके अलावा न्यायालय ने कहा कि वह सीबीआई के डीएसपी एके बस्सी की याचिका पर बाद में सुनवाई करेंगे। बस्सी को पोर्ट ब्लेयर ट्रांसफर कर दिया गया था और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार के आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले पर सवाल उठाए थे।

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