CBI की ‘जांच की आंच’ से बचने को सपा-बसपा गठबंधन ने अपनाया ये फार्मूला

खनन और सीबीआई छापे से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को जोड़े जाने पर बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा किया जा रहा बचाव सिर्फ एक बयान ही नहीं है, यह सपा-बसपा गठबंधन की गांठें मजबूत करने का फार्मूला है। बसपाई इस फार्मूले के आधार पर रणनीति बनाकर जनता के बीच जाएंगे। सीबीआई छापे को भाजपा की चुनावी रणनीति से प्रेरित बताकर सपाइयों को नजदीक लाएंगे।

अब इसी फार्मूले के आधार पर सपा-बसपा एक-दूसरे का बचाव करने के साथ भाजपा को घेरेंगे। बसपा ने इस संबंध में रणनीति तैयार कर ली है।बसपा सुप्रीमो मायावती के इस बयान का पीडीएफ बसपा की सभी जिला इकाइयों के नेताओं को भेजा है। इसके आधार पर जिला इकाइयां बूथ स्तर तक चुनावी प्रचार की रणनीति तैयार करेंगी। दोनों दल मिलकर भाजपा को कठघरे में खड़ा करके अपने पक्ष में जनता का समर्थन मांगेंगे।

सपा-बसपा के गठबंधन के संबंध में दोनों दलों के प्रमुखों की बैठक के बाद संगठन के नेताओं को दिशा-निर्देश नहीं दिए गए थे।सपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य राम आसरे विश्वकर्मा और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील सिंह यादव साजन ने कहा कि जो फार्मूला हाई कमान से आएगा आगे उसी पर काम करेंगे। बसपाइयों को भेजे गए पत्र में इस प्रकरण पर जनता से बात करने संबंधी सारे बिंदु स्पष्ट कर दिए गए हैं।यह भी तर्क है कि यह कार्रवाई भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कर रही है। इस प्रकरण के हवाले से बसपा सुप्रीमो के खिलाफ पूर्व में हुई कार्रवाई के बारे में भी बता दिया गया है। भाजपा के साथ इसमें कांग्रेस पर भी वार किया गया है।

 

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