नवजोत सिद्धू को कैप्टन ने दिया बड़ा झटका, रेत खनन पर तेलंगाना मॉडल को नकारा

 स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को उनके अपने ही मंत्रिमंडल ने एक बार फिर बड़ा झटका दिया है। कई महीनों से रेत खनन के लिए तेलंगाना मॉडल को लागू करने की मांग कर रहे सिद्धू के लिए यह बुरी खबर है। सिद्धू की मांग को दरकिनार करके सिंचाई विभाग ने रेत खड्डों की नीलामी के लिए कलस्टर मॉडल अपनाने का मसौदा तैयार किया है। यह ड्राफ्ट 27 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा। इससे पहले सिद्धू द्वारा केबल व ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कैप्टन नजरअंदाज कर चुके हैं। इससे साफ है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में सिद्धू की नहीं चल रही है और उनके सुझावों को लगातार खारिज किया जा रहा है।

सिद्धू काफी समय से रेत और बजरी के खनन के लिए तेलंगाना मॉडल अपनाना चाहते हैं। इसके लिए वे विभाग के अधिकारियों के साथ हैदराबाद भी गए थे। वहां उन्होंने इस मॉडल अध्ययन किया और पंजाब वापस आकर दावा किया कि यदि सरकार यह मॉडल अपनाती है तो पंजाब सरकार की आमदनी में कई गुना वृद्धि हो सकती है।

यह है तेलंगाना मॉडल

नवजोत सिद्धू के अनुसार तेलंगाना सरकार ने रेत और बजरी खनन का काम अपने हाथ में लिया हुआ है। कॉरपोरेशन बनाकर उपभोक्ताओं को रेत और बजरी की सप्लाई दी हुई है। सिद्धू का दावा था कि तेलंगाना में सिर्फ एक नदी है, फिर भी वहां पर बारह-तेरह सौ करोड़ रुपये की आमदनी होती है। पंजाब में 3 नदियां हैं जहां से तीन हजार करोड़ रुपये के लगभग रेत और बजरी का व्यापार किया जा सकता है।

सिद्धू के नेतृत्व में बनी थी कमेटी

सरकार ने नवजोत सिद्धू की अगुवाई में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था। जिसने अन्य राज्यों के मॉडल की स्टडी  करके रेत और बजरी की खनन प्रक्रिया को कैसे लागू किया जाए, इस पर अपनी रिपोर्ट देनी थी। इस कमेटी में कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा व मनप्रीत सिंह बादल भी थे। कमेटी की दो-तीन बैठक भी हुई थी, लेकिन सिद्धू ने साथी मंत्रियों को विश्वास में लिए बिना कमेटी की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप दी। इस रिपोर्ट में रेत कार्पोरेशन बनाने की सिफारिश की गई थी।

बाजवा व मनप्रीत ने किया किनारा

कमेटी के दोनों अन्य सदस्यों तृप्त राजिंदर बाजवा व मनप्रीत बादल ने सिद्धू द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट से हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद सिंचाई विभाग ने नए सिरे से रेत की पॉलिसी लाने पर काम शुरू कर दिया। पता चला है कि पॉलिसी को विभाग ने तैयार कर लिया है और इसे 27 सितंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पेश किया जाएगा।

यह है नई पॉलिसी

सिंचाई विभाग के सूत्रों के अनुसार रेत खनन को लेकर अब सरकार खड्डों के बजाय कलस्टर बनाएगी और इसकी नीलामी प्रोग्रेसिव बिडिंग के जरिए करवाएगी। यानी कि जो व्यक्ति संबंधित कलस्टर में रेत निकालने के काम को लेकर सरकार को ज्यादा से ज्यादा पैसा देगा उसको ही क्लस्टर दिया जाएगा। कलस्टर में एक से ज्यादा खड्डें भी हो सकती हैं। इससे यह भी आशंका पैदा हो रही है कि रेत खनन का ज्यादातर काम अब छोटे ठेकेदारों की बजाए बड़ी कंपनियों को चला जाएगा।

शराब कारपोरेशन का भी उठाया था मुद्दा

शराब कारपोरेशन बनाने को लेकर भी नवजोत सिद्धू कैबिनेट में मुद्दा उठा चुके हैं। दो दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में उन्होंने शराब कारपोरेशन बनाने या अन्य मॉडल को स्टडी करने के लिए वित्त मंत्री मनप्रीत बादल द्वारा अधिकारियों के साथ पश्चिम बंगाल में जाकर मॉडल को समझने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि वह चुनाव से पहले ही शराब कॉरपोरेशन बनाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन वित्त मंत्री इस मॉडल को स्टडी करने के लिए उन्हें अपने साथ लेकर नहीं गए। कैबिनेट उनके सुझाव पर भी ध्यान नहीं दे रही है। यह नाराजगी उन्होंने पहली बार कैबिनेट में जताई।

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