जनवरी तक मलिन बस्‍ती में रहने वाली 80 फीसदी आबादी होगी कोरोना संक्रमित, साथ ही हर्ड इम्‍युनिटी हो सकती है विकसित: वैज्ञानिक

नई दिल्ली। रिपोर्ट में कहा गया है कि 26 अक्‍टूबर तक के मौजूदा डाटा के विश्‍लेषण के आधार पर मुंबई की 80 फीसदी स्‍लम या मलिन बस्‍ती में रहने वाली आबादी और 55 फीसदी गैर स्‍लम आबादी जनवरी 2021 तक कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती है. साथ ही उनके हर्ड इम्‍युनिटी भी विकसित हो सकती है.

शोध में यह भी पाया गया है कि नवंबर के पहले सप्‍ताह में फेस्टिव सीजन में मुंबई को अगर पूरी तरह खोला जाता है, तो अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो सकती है. रिसर्च टीम ने दावा किया है कि मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमण का एक पीक दिवाली के एक या दो हफ्ते बाद सामने आ सकता है. यह पहले की तुलना में कहीं अधिक तीव्र होगा.

हालांकि TIFR स्कूल ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस के डीन डॉ. संदीप जुनेजा ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि गणपति पूजा की तरह दिवाली पर एक-दूसरे से मिलना-जुलना हुआ तो उस दौरान संक्रमण कम होगा. ऐसा इसलिए होगा क्‍योंकि अगस्त में हुए गणपति उत्सव की तुलना में मुंबई के ज्यादा से ज्यादा लोग अब कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं. लोगों ने वायरस के खिलाफ किसी प्रकार की इम्‍युनिटी विकसित की है.

रिपोर्ट के अनुसार नए अनुमानों को नवंबर और जनवरी दोनों को देखते हुए विकसित किया गया है. इसे यह मानते हुए तैयार किया गया है कि अर्थव्यवस्था और स्थानीय ट्रेनें आम जनता के लिए पूरी तरह से चालू होंगी. हालांकि टीम ने यह भी कहा कि 2021 में स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या ज्यादा नहीं होगी. डॉ. जुनेजा ने हॉस्पिटलाइजेशन पर अधिक जोर देते हुए कहा कि जनवरी 2021 की तुलना में 1 नवंबर को अस्‍पताल में भर्ती होने की दूसरी लहर काफी हद तक अधिक होगी.

TIFR ने तीन वार्डों में BMC के साथ सर्वे का संचालन करते हुए कोविड 19 की व्यापकता का अध्ययन किया. जुलाई में किए गए एक अध्ययन में स्लम बस्तियों में 57 फीसदी और गैर-स्लम बस्तियों में 16 फीसदी कोविड 19 के प्रति एंटीबॉडीज थे, जो अगस्त में 42 प्रतिशत और 18 प्रतिशत थे.

डॉ. जुनेजा ने कहा कि अगर 1 फरवरी 2021 को ग्रेटर मुंबई में 50 साल से अधिक के 29.3 लाख लोगों को टीका लगाया जाता है, तो उसके बाद आने वाले मौत के केस में 64 फीसदी की कमी आएगी. आज की गणना के अनुसार 950 मौतें अगले 6 माह में घटकर 340 हो जाएंगी. अगले 6 महीने में हॉस्पिटलाइजेशन में अनुमानित 67 फीसदी की कमी हो जाएगी.

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