बिजनेसमैन को नेगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया गया..

ठाणे की एक अदालत ने चेक बाउंस होने पर बिजनेसमैन को तीन महीने के लिए जेल की सजा सुनाई है। बिजनेसमैन को नेगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया गया है। साथ ही उसे 4 लाख रुपए का भुगतान भी देना होगा।

 महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने चेक बाउंस मामले में एक बिजनेसमैन को तीन महीने के सख्त कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उसे चार लाख रुपए का भुगतान करने के भी आदेश दिए गए हैं जो कि राशि का दोगुना है।

ये आदेश ठाणे न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट राजेश पाटकी के द्वारा 2 मई को दिया गया, जिसकी एक कॉपी शुक्रवार को उपलब्ध करवाई गई। शिकायतकर्ता अभिमन्यु मनसुख का केस देख रहे एडवोकेट बलदेव राजपूत और प्रियंका डफले ने अदालत को बताया कि उनके मुवक्किल और ग्लोब ओवरसीज सर्विसेज के मालिक रत्नकांत गुप्ते दोस्त थे।

उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता ने 20 जुलाई, 2011 को गुप्ते को दो लाख रुपए का कर्ज दिया था। जुलाई 2018 में, गुप्ते ने मनसुख के नाम पर 2 लाख रुपए का चेक जारी किया, लेकिन बैंक ने अपर्याप्त राशि का हवाला देते हुए इसे अस्वीकार कर दिया। शिकायतकर्ता ने ये भी कहा कि उसने गुप्ते से पैसे निकलवाने की कोशिश की लेकिन वो पैसे वापस नहीं ले पाया।

अदालत ने गुप्ते को नेगोशिएबल इंस्ट्रमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत दोषी ठहराया और उन्हें चेक राशि का दोगुना यानी कि 4 लाख रुपए का भुगतान करने के निर्देश के अलावा तीन महीने के लिए जेल की सजा सुनाई।

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