BSP MLA को लेकर गहलोत-पायलट में ठनी, BSP के 6 विधायक कांग्रेस में हुए शामिल…

राजस्थान में बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायकों के कांग्रेस में आने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट में मतभेद सामने आ गए हैं. पायलट कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल में पहली प्राथमिकता कांग्रेस के खून पसीना बहाने वाले विधायकों को मिलना चाहिए, तो वहीं गहलोत चाह रहे हैं कि जिन्होंने कांग्रेस के लिए पार्टी छोड़ी है उन्हें इनाम देना चाहिए.

राजस्थान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पायलट को पता ही नहीं है कि बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायक कांग्रेस का सदस्य बन गए हैं. बसपा विधायकों के कांग्रेस में आने के बाद पार्टी मजबूत हुई है या कमजोर हुई है यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है.

मत पूछना दिल की बात…

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि बहुजन समाज पार्टी के जो लोग कांग्रेस में आए हैं उन्हें किसी न किसी पद से नवाजा जाए, तो वहीं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट कह रहे हैं उन्होंने नैतिकता का सबसे उच्च मापदंड को दिखाया है, बिना किसी लालच के वे कांग्रेस के अंदर आए हैं. पायलट का यह राजनीतिक व्यंग गहलोत बखूबी समझ रहे हैं.

पायलट ने कहा कि मेरे और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे के दिल की बात मत पूछना. पायलट का यह दर्द लाजमी है कि कोई कांग्रेस का सदस्य बन जाए और राज्य में पार्टी के मुखिया के पास एक बार आकर भी नहीं मिले. इन छह विधायकों में से किसी ने भी अभी तक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट से मुलाकात नहीं की है.

उधर पायलट और गहलोत का झगड़ा सुलझाने आए कांग्रेस के संगठन महासचिव अविनाश पांडे ने कहा कि मंत्रिमंडल का जल्दी विस्तार होगा और जो बहुजन समाज पार्टी के लोग अपनी पार्टी छोड़कर आए हैं, उन पर भी विचार किया जाएगा.

मंत्री बनने की चाह

अविनाश पांडे ने  पार्टी के अंदर मतभेद को यह कहते हुए ढकने की कोशिश की है कि पार्टी के अंदर अलग-अलग विचार होते हैं यह किसी भी पार्टी के लिए अच्छी बात है. बहुजन समाज पार्टी के विधायक भी इंतजार कर रहे हैं कि कब मंत्रिमंडल का विस्तार हो और वह गहलोत सरकार में मंत्री बने. पिछली बार जो बहुजन समाज पार्टी के 6 विधायक 2010 में कांग्रेस में शामिल हुए थे उनमें से तीन मंत्री बने थे. इस बार भी इन्हें उम्मीद है कुछ ऐसा ही होगा.

मामला इतना भर का नहीं है, जो 13 निर्दलीय कांग्रेस के एसोसिएट मेंबर बने हैं. वह भी पिछले 9 महीने से सरकार का सुख भोगने का इंतजार कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर सचिन पायलट के विरोधी हैं. माना जा रहा है कि पायलट ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के मान सम्मान की बात कहकर तुरुप का पत्ता चल दिया है, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मंत्रिमंडल के गठन में अच्छी खासी माथापच्ची करनी होगी.

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