‘ट्रेड वार’ के साये में दक्षिण अफ्रीका में आज से शुरू हुआ ब्रिक्स सम्मेलन…

दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में बुधवार से शुरू होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में बढ़ते वैश्विक ट्रेड वार का मुद्दा छाया रह सकता है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका पांच देश शामिल हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के सामानों पर अरबों डॉलर का कर लगाने और कनाडा, मैक्सिको, यूरोपीय संघ से स्टील व एल्युमिनियम पर कर बढ़ा दिया है। 

ट्रंप के सख्त रुख से बढ़ रहा वैश्विक ट्रेड वार का खतरा

ट्रंप के सख्त रुख को देखते हुए वैश्विक ट्रेड वार का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस तीन दिवसीय सालाना सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। सम्मेलन की पूर्व संध्या पर शी ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से बात की।

मोदी, शी और पुतिन लेंगे सम्मेलन में हिस्सा

शी ने रामफोसा से कहा कि जोहानिसबर्ग सम्मेलन नई परिस्थितियों में ब्रिक्स के लिए विशेष महत्व रखता है। सोमवार को चीन ने ट्रंप के उन आरोपों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि चीन अपने निर्यातकों को फायदा दिलाने के लिए ‘युवान’ में हेर-फेर कर रहा है। चीन ने कहा था कि अमेरिका, ट्रेड वार को बढ़ाने पर आमादा है।

संगठित आवाज बनने की चुनौती 

40 फीसदी वैश्विक जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स समूह दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। अलग-अलग विकास दर हासिल करने की चिंता के साथ यह समूह संगठित आवाज बन पाने के लिए भी संघर्ष कर रहा है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी व्यापार नीति इस समूह को नए सिरे से योजनाएं बनाने पर मजबूर कर सकता है।

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