लॉकडाउन में लौटे एक परिवार से घर और ससुराल दोनों ने मोड़ा मुह तो गंगा में कूदकर दी जान

कोरोना काल में रिश्ते-नाते भी बेमानी हो गए हैं। मुंबई से आए घर लौटे एक परिवार से घर और ससुराल दोनों ने मुंह फेर लिया। पत्नी और दुधमुंही बच्ची को लेकर घर लौटे युवक को अपनों की बेरुखी ने इतना आहत कर दिया कि उसने गंगा में छलांग लगाकर जान दे दी। 

रेवतीपुर गांव निवासी सुधीर पांडेय (32) मुंबई में प्राइवेट नौकरी करता था। मंगलवार को वह पत्नी रेणु और एक साल की बेटी आरुषि के साथ मुंबई से किसी तरह गाजीपुर पहुंचा। घर पहुंचने पर परिजनों ने उसे बाहर ही रोक दिया और कोरोना जांच कराने के बाद ही आने की चेतावनी दी। 
घर से निराश सुधीर ने किराए पर गाड़ी ली और परिवार के साथ बलिया स्थित ससुराल के लिए रवाना हुआ। रास्ते से पत्नी ने अपने मायके फोन कर आने की सूचना दी तो उन्होंने भी अपने यहां रखने से साफ-साफ मना कर दिया। रात के करीब दो बज रहे थे। सुधीर ने अब्दुल हमीद सेतु पर गाड़ी रुकवाई। कार से उतरकर उसने पत्नी-बेटी की ओर देखा। जब तक कोई कुछ समझ पाता सुधीर ने पुल से गंगा में छलांग लगा दी। पत्नी की चीख सुनकर पास मौजूद एक सिपाही और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। काफी तलाश के बाद बुधवार सुबह नदी से शव बरामद हुआ। 

…तो नहीं जाती पति की जान
शव देखते ही पत्नी फफक पड़ी। उसने पुलिस को बताया कि मायके और ससुराल के लोग ही पति की मौत के जिम्मेदार हैं। घर में बाहर भी एक कमरे में रहने दिया होता तो शायद सुधीर आत्मघाती कदम नहीं उठाते। सुधीर और रेणु ने प्रेम विवाह किया था। रजागंज चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोरोना के डर से परिजनों ने परिवार को घर में नहीं घुसने दिया। इससे क्षुब्ध होकर युवक गंगा में कूद गया। अभी किसी की ओर से तहरीर नहीं मिली है।  

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