नगर निकायों में आरक्षण पर भाजपा विधायक ने कहा कुछ ऐसा और उठाए सवाल

देहरादून: बागेश्वर से भाजपा विधायक चंदन रामदास ने नगर निकायों में आरक्षण की व्यवस्था को लेकर सवाल उठाया है। इस सिलसिले में उन्होंने शहरी विकास सचिव के समक्ष आपत्ति भी दर्ज कराई। उनका कहना है कि नगर पालिका और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य पदों पर अनुसूचित जाति के आरक्षण के लिए संवैधानिक व्यवस्था का पालन नहीं किया जा रहा। नगर निकायों में आरक्षण पर भाजपा विधायक ने कहा कुछ ऐसा और उठाए सवाल

उन्होंने कहा कि इस मामले में जरूरत पड़ने पर वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। उधर, शहरी विकास सचिव आरके सुधांशु के अनुसार नियमावली के तहत ही आरक्षण तय किया गया है। विधायक चंदन रामदास का कहना है कि संविधान में अनुसूचित जाति के लिए 19 फीसद आरक्षण की व्यवस्था है। इसके विपरीत नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में आरक्षण में इसकी अनदेखी की जा रही है। 

नियमावली का हवाला देकर दोनों प्रकार के निकायों में नगर की जनसंख्या के आधार पर आरक्षण को 12 फीसद किया गया है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप आरक्षण तय किया जाना चाहिए। नियमावली संविधान से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री के साथ ही प्रमुख सचिव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी मुख्य स्तरों पर बात रख चुके हैं। यदि कोई रास्ता नहीं निकलता है तो उनके सामने कोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है। 

उधर, शहरी विकास सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि नगर निकायों में नियमावली के अनुसार ही आरक्षण का निर्धारण किया गया है। इसका फार्मूला स्पष्ट है। इसके तहत वार्डों की कुल संख्या गुणा अनुसूचित जाति की जनसंख्या में संबंधित निकाय की कुल जनसंख्या का भाग देकर आरक्षण तय किया जाता है। 

पहले दिन 418 आपत्तियां सुनी 

39 नगर पालिका परिषदों और 38 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पदों पर आरक्षण से संबंधित आपत्तियों की सुनवाई शहरी विकास निदेशालय में प्रारंभ हो गई है। अपर निदेशक शहरी विकास यूएस राणा के मुताबिक सोमवार को पहले दिन 418 आपत्तियों पर सुनवाई की गई। एक दिन और सुनवाई के बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।

Back to top button