बुरे फंसे भाजपा मेयर, LG ने जारी किए विजिलेंस जांच के आदेश
मामला बीते नवंबर महीने में टेंडर प्रक्रिया में मेयर के दखल देने से जुड़ा हुआ है। दिल्ली के एक वकील ने इस बारे में उपराज्यपाल को शिकायत दी थी। इसके आधार पर जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
उपराज्यपाल के आदेश के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम के विजिलेंस विभाग ने जांच की शुरुआत भी कर दी है। विजिलेंस विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दी जाएगी। इससे पहले दिल्ली के एक वकील कैलाश चंद्र मुदगिल ने उपराज्यपाल को शिकायत दी थी।
इसमें शिवा मार्केट में एक बड़े प्लाट की नीलामी को पास करने के लिए 10 फीसद कमीशन मांगने के आरोप के साथ एलईडी लाइट लगाने के लिए प्रोजेक्ट में 10 फीसद कमीशन की शिकायत थी। इसके अलावा सिविक सेंटर में की सुरक्षा एजेंसी का टेंडर अपने पसंदीदा व्यक्ति को देने की सिफारिश करने के आरोप की भी शिकायत की थी।
मेयर प्रीति पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने तबादले की प्रक्रिया में दखल देने की कोशिश की। वह उस कमरे में भी घुस गईं, जहां टेंडर की प्रक्रिया चल रही थी। एनडीएमसी के वरिष्ठ अधिकारी के विरोध करने पर उसके साथ भी उनकी कहासुनी हुई।
आरोप है कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी से टेंडर का दस्तावेज मांगा, लेकिन अधिकारी ने गोपनीयता का हवाला देते हुए उसे देने से मना किया। इस पर मेयर ने अधिकारी से झगड़ा किया। वहीं, दूसरे दिन मेयर ने बैठक बुलाई, जिसमें उन्होंने मामले में स्पष्टीकरण मांगा। आरोप लगाया गया है कि मेयर अधिकारी के स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं हुए और उसे अपमानित किया गया।