उत्तराखंड में भाजपा ने उतारे 60 प्रतिशत से ज्यादा ब्राह्मण-ठाकुर उम्मीदवार, समझें जातिगत समीकरण

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस क्रम में बीजेपी ने गुरुवार को 59 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी चुनाव लड़ेंगे।  70 में से 59 सीटों की सूची में कोई बड़ा आश्चर्यजनक बदलाव देखने को नहीं मिला है। अधिकांश मौजूदा विधायकों को पार्टी ने बरकरार रखा था।

इस लिस्ट में भाजपा ने जातीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखा है। यही नहीं, इस बार बीजेपी ने 10 विधायक का टिकट काट दिया है। बीजेपी की पहली लिस्ट में 59 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हुआ है, जिसमें 22 ठाकुर, 15 ब्राह्मण, 5 महिला और 3 बनिया समुदाय से कैंडिडेट है।  बता दें कि उत्तराखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने पहली लिस्ट की। 

बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची पर राजनीतिक विश्लेषक एसएमए काजमी ने कहा, ‘ब्राह्मण और व्यापारी समुदाय के लोग उत्तराखंड में भाजपा के पारंपरिक समर्थक रहे हैं। भाजपा ने ब्राह्मणों को 15 और बनिया उम्मीदवारों को तीन टिकट देकर अपने पारंपरिक मतदाता आधार को लुभाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, ‘एक रूढ़िवादी अनुमान के अनुसार ठाकुर राज्य की आबादी का 35% और ब्राह्मण मतदाता 25% हैं। इसलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के टिकट वितरण में आजमाए हुए ठाकुर-ब्राह्मण जाति समीकरण का पालन करने की संभावना है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी को खटीमा से मैदान में उतारना और राज्य भाजपा प्रमुख मदन कौशिक को उनके गढ़ हरिद्वार से मैदान में उतारना अपेक्षित था।  इसी तरह कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को नरेंद्र नगर सीट से मैदान में उतारा गया है, और गणेश जोशी फिर से मसूरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। 

वहीं, चौबट्टाखाल से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को भी मैदान में उतारा गया है। कांग्रेस के पूर्व बागी उमेश शर्मा को उनके पारंपरिक गढ़ रायपुर से मैदान में उतारा गया है। भगवा पार्टी ने सितारगंज से पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को भी मैदान में उतारा है। 

इसके अलावा शहरी विकास मंत्री बंसीधर भगत को कालाढूंगी से, स्वामी यतीश्वरानंद को हरिद्वार (ग्रामीण), रुड़की से प्रदीप बत्रा और दीदीहाट विधानसभा सीट से बिशन सिंह चुफल को उम्मीदवार बनाया गया है।

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