BJP को छोड़ किसी सियासी पार्टी ने राज्यसभा नहीं भेजा मुस्लिम प्रत्याशी

download (4)उत्तर प्रदेश में 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी दल मुस्लिम वोट को अपने खेमे में लाने की जी तोड़ कोशिशें करने में लगी हुई हैं. हालांकि, राज्य सभा की 57 खाली सीटों के लिए 11 जून को होने वाले चुनाव में एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है. समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सभी अपने आपको मुसलमानों का हितैषी कहती हैं. इसके बावजूद, इन सभी पार्टियों ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को राज्यसभा का टिकट नहीं दिया.

इसके विपरीत बीजेपी, जिसे मुस्लिम विरोधी माना जाता है, वह दो मुस्लिम कैंडिडेट को राज्य सभा भेज रही है. बीजेपी के प्रवक्ता एमजे अकबर मध्य प्रदेश से राज्य सभा जा रहे हैं, जबकि केंद्रीय राज्यमंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी झारखंड से उच्च सदन जाएंगे. ऐसे में हमेशा से कभी सपा, बसपा और कांग्रेस को अपना हितैषी समझने वाला मुस्लिम समाज अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है. उत्तर प्रदेश में सपा ने अपने सात उम्मीदवारों की घोषणा की है जिसमे कोई भी मुस्लिम कैंडिडेट नहीं है.

सपा ने जिन उम्मीदवारों को राज्य सभा भेजने का निर्णय लिया है उनमें हैं- अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा, रेवती रमण सिंह, संजय सेठ, एसएस यादव और वीपी निषाद. इतना ही नहीं इस बात को लेकर जामा मस्जिद के इमाम बुखारी ने सपा सुप्रीमो से मुलायम सिंह से मुलाकात कर मुस्लिम समाज से राज्य सभा में कोई प्रतिनिधित्व न होने पर ऐतराज जताया था.

इसके अलावा, बीएसपी ने भी अपने दो कैंडिडेट्स की घोषणा की है जिसमें पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र और अशोक सिद्धार्थ को टिकट दिया गया है. कांग्रेस ने सपा के सपोर्ट से मैदान में कपिल सिब्बल को उतारा है. इसके अलावा, कांग्रेस मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक से भी किसी मुस्लिम कैंडिडेट को राज्य सभा नहीं भेज रही है.

और तो और बिहार में महागठबंधन कर मुस्लिमों के समर्थन से विधान सभा चुनाव जीतने वाले लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने भी किसी मुस्लिम कैंडिडेट को राज्य सभा नहीं भेजा है. बिहार में पूर्व बीजेपी सांसद और वकील रामजेठ मलानी और लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती आरजेडी की टिकट से राज्य सभा जा रही हैं. वहीं जदयू से शरद यादव और रामचंद्र प्रसाद सिंह उम्मीदवार हैं.

 
 
 
 
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