BJP के इस गेम प्लान से नीतीश हैं नाराज, गठबंधन में पड़ सकती है दरार

पटना। बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन में इन दिनों नई सुगबुगाहट हो रही है. बीजेपी के एक धड़े की ध्रुवीकरण की राजनीति से जेडीयू असहज महसूस कर रही है. इसका सबूत भी तब मिल गया जब खुद जेडीयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने साफ साफ कह दिया कि उनकी सरकार और पार्टी अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करते हुए अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है . नीतीश ने कहा कि ये देश प्रेम, सदभावना और सांप्रदायिक भाईचारे से चलेगा. नीतीश का ये बयान बीजेपी के लिए साफ संदेश माना गया.BJP के इस गेम प्लान से नीतीश हैं नाराज, गठबंधन में पड़ सकती है दरार

दरभंगा मर्डर सियासत 

इसकी शुरुआत दरभंगा मर्डर केस से हुआ जिसमें बीजेपी कार्यकर्ता के पिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बीजेपी-जेडीयू के अलग अलग सुर सुनाई पड़े. दरभंगा मर्डर केस में खबर आई कि बीजेपी कार्यकर्ता के पिता की हत्या इसलिए कर दी गई क्योंकि विवादित चौक का नाम पीएम मोदी के नाम पर रख दिया गया था. लेकिन पुलिस ने साफ कर दिया था कि मामला प्रॉपर्टी विवाद का है. डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी ऐसी ही बात कही. बाद में सीएम नीतीश कुमार ने भी इसे दोहराते हुए कहा कि अगर कोई इस तरह के बयान देता है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो, गलत है. मैं कभी भी सांप्रदायिकता के मुद्दे पर समझौता नहीं करूंगा. 

हालिया बयानों से जेडीयू असहज

दरअसल, बीजेपी नेताओं की तरफ से हाल ही में दिए गए बयानों ने जेडीयू को परेशान किया है. बीजेपी के एक धड़े के नेताओं ने सीधे यादव मतदाताओं को आरजेडी से अलग करने के मकसद से सीधे मुस्लिमों को निशाने पर ले लिया. अररिया पर गिरिराज सिंह का बयान ऐसा ही बयान था जिस पर आपत्ति उठाई गई. इसके अलावा बिहार बीजेपी प्रमुख नित्यानंद राय के बयानों ने भी आग में घी का काम किया. उन्होंने कई आक्रामक बयान देना जारी रखा. हालांकि, दूसरी ओर सुशील मोदी ने सॉफ्ट स्टैंड रखते हुए बीजेपी का मॉडरेट चेहरा सामने रखा. सुशील और नीतीश के बीच बनती भी खूब है.

नजर यादव वोटरों पर 

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एक जेडीयू नेता ने बताया कि नित्यानंद राय का धड़ा यादव-मुस्लिम गठजोड़ को तोड़ना चाहता है ताकि 2019 के चुनाव में आरजेडी को झटका लगे. वहीं बीजेपी का दूसरा धड़ा मानता है कि इस तरह की कवायद बेकार है और यादव वोटर कभी भी आरजेडी से अलग नहीं होंगे. इससे बीजेपी के नीतीश से संबंध जरूर बिगड़ सकते हैं.

नीतीश कुमार की दो टूक

यादव वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी के एक धड़े की ऐसी कोशिशों से सीएम नीतीश कुमार भी नाराज बताए जाते हैं. यही वजह है कि मंगलवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने साफ कहा था कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है.नीतीश ने कहा था कि हम वोट की चिंता नहीं करते. हम लोगों की चिंता करते हैं. हमारा लक्ष्य यह है कि सदभाव कायम रहे. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश ने बीजेपी के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की ओर इशारा करते हुए कहा कि इससे हमारी मूल अवधारणा में कोई बदलाव नहीं आया है.

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