बिहार: BNMU के मैथिली प्राध्यापकों का भारतीय संविधान के मैथिली अनुवाद में अहम योगदान
मैथिली में संविधान की जब भी चर्चा होगी तो बिहार के कोसी प्रक्षेत्र और भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के अहम योगदान को लोग भूल नहीं पाएंगे। वैसे तो कोसी क्षेत्र को बाढ़ की विभीषिका के लिए विशेष जाना जाता है, लेकिन विद्वानों की भी कमी नहीं है।
संविधान दिवस यानी 26 नवंबर को राष्ट्रपति द्वारा संविधान के मैथिली रूपांतरण का लोकार्पण जहां भारत के लिए गर्व की बात है। वहीं, कोसी क्षेत्र और भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। बीएनएमयू के मैथिली प्राध्यापकों ने भारतीय संविधान के मैथिली अनुवाद में अहम भूमिका निभाई है। बीएनएमयू मधेपुरा के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग, पश्चिमी परिसर पीजी सेंटर सहरसा और ईस्ट एंड वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज में भी भारत के संविधान का मैथिली भाषा में अनुवाद कार्यशाला का आयोजन भारतीय भाषा संस्थान मैसूर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था।
इस महती भूमिका में मातृभाषा के विस्तारित स्वरूप में पीजी सेंटर सहरसा के वरीय शिक्षक प्रो. डॉ. रंजीत कुमार सिंह, प्रो. डॉ. संजय कुमार मिश्र, डॉ. रमणकांत चौधरी, डॉ. अरुण कुमार सिंह, एमएलटी कॉलेज सहरसा के डॉ. सुमन कुमार, आरजेएम कॉलेज के डॉ. अभय कुमार, पीजी सेंटर मधेपुरा के डॉ. कृष्ण मोहन ठाकुर, एचवीएस कॉलेज निर्मली के डॉ. अतुलेश्वर झा, संस्कृत महाविद्यालय महिषी के डॉ. निक्की प्रियदर्शिनी का योगदान सदैव याद रखा जाएगा।
मैसूर से आए भाषा साहित्य प्रतिनिधि डॉ. शंभू कुमार सिंह के दिशा-निर्देशन में भारतीय संविधान का मैथिली भाषा में उपर्युक्त सभी सम्मानित विद्वान शिक्षकों द्वारा भारत के संविधान का अनुवाद कार्य संपन्न किया गया था। बीते 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ उप राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और अन्य गणमान्य उपस्थित लोगों के द्वारा “भारतीय संविधान” का लोकार्पण किया गया। इस ऐतिहासिक क्षण पर मैथिली से जुड़े लोगों ने मातृभाषा मैथिली के उत्तरोत्तर उन्नति पर हर्ष व्यक्त किया है।
इन लोगों का है अहम योगदान
ईस्ट एंड वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के चेयरपर्सन डॉ. रजनीश रंजन ने राष्ट्रीय अनुवाद मिशन भारतीय भाषा संस्थान मैसूर, भारत सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपने मैथिली संविधान के मूल प्रति पृष्ठ संख्या सात पर मेरे जैसे मैथिली अभियानी का नाम शामिल किया। जो हम लोगों के लिए गर्व की बात है। इनके अलावा रमेश झा महिला कॉलेज सहरसा के अभय कुमार, व्यवहार न्यायालय सहरसा में अधिवक्ता आदित्य ठाकुर, नवीन कुमार, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. कृष्ण मोहन ठाकुर, प्रो. नरेंद्र नाथ झा, रमनकांत चौधरी, रंजीत कुमार सिंह, संजय कुमार मिश्रा, सर्वनारायण सिंह, रामकुमार सिंह कॉलेज के अशोक कुमार सिंह, संजय कुमार चौधरी, मनोहर लाल टेकरीवाल कॉलेज के बलबीर कुमार झा, सतीश कुमार दास, शिशिर कुमार मिश्रा, सुमन कुमार यूबीएमएस कॉलेज महिषी के निक्की प्रियदर्शी, ईस्ट एंड वेस्ट टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज के रजनीश रंजन का नाम ट्रांसलेशन एंड रिव्यू एक्सपर्ट के रूप में दर्ज है।