बड़ा हादसा: चमोली के भापकुंड में बादल फटा, 5 मजदूर दबे 2 के शव बरामद
चमोली : जोशीमठ से 50 किमी दूर भापकुंड में बीती रात बादल फट गया। इस दौरान मलबे की चपेट में आने से पांच मजदूर दब गए। सभी मजबूर सीमा सड़क संगठन में कार्य करते थे। दो मजदूरों के शवों को निकाल लिया गया है।
लामबगड़ के पास 15 मीटर सड़क बही
दूसरी ओर, लामबगड़ भूस्खलन जोन के निकट भारी बारिश के बाद बरसाती नाले से करीब 15 मीटर सड़क बह गई है। यहां पर एनएच द्वारा अभी तक हाईवे की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया है। लामबगड़ भूस्खलन जोन पर भी भारी मात्रा में मलबा आया हुआ है। एनएच द्वारा अभी यहां पर मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है। हाइवे अवरुद्ध होने से 800 यात्री बदरीनाथ धाम की ओर फंसे हुए हैं, जबकि बदरीनाथ जाने वाले एक हजार यात्रियों को पड़गासी पैदल मार्ग से बदरीनाथ के लिए रवाना किया गया है। बदरीनाथ धाम की ओर फंसे यात्री भी पैदल पड़गासी पैदल मार्ग से आ रहे हैं।
उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग थेरांग और गंगनानी के मध्य नागदेवता के पास मलबा भूस्खलन से बंद रहा। ऐसे में उत्तरकाशी, भटवाडी, गंगनानी, गंगोत्री में ट्रैफिक को रोका गया था। सीमा सुरक्षा संगठन (बीआरओ) के मजदूरों ने दोपहर बाद मार्ग को खोल दिया। यमनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए सुचारु है।
शनिवार से फिर भारी बारिश की चेतावनी
प्रदेश में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें बंद होने से आवागमन चुनौती बना हुआ है। भूस्खलन के चलते पिथौरागढ़, बागेश्वर, उत्तरकाशी, पौड़ी, चमोली और देहरादून में 62 मार्ग मलबा आने से बाधित हैं। पिथौरागढ़ और चमोली में 78 परिवार राहत शिविरों में रह रहे हैं।
दूसरी ओर सोमवार को बादल फटने से तबाह यमुनोत्री पैदल मार्ग के स्थान पर वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने 65 कर्मचारियों को इस कार्य में लगाया है।
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को कुछ राहत की उम्मीद है, हालांकि पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी बारिश हो सकती है, लेकिन शनिवार से मौसम फिर परीक्षा लेगा। इस दौरान भारी से बहुत भारी बारिश की आशंका है। यह क्रम सोमवार तक बना रहेगा।