बड़ा खुलासा: अवध यूनिवर्सिटी के 1049 शिक्षक कानपुर विवि के कॉलेजों में भी तैनात, मचा हडकंप

फैजाबाद के डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में एक ही शिक्षक की कई कॉलेजों में तैनाती दिखाकर अनुमोदन लेने के फर्जीवाड़े की जड़ें कानपुर तक फैली है। अवध विश्वविद्यालय से जुड़े डिग्री कॉलेजों में पढ़ाने वाले 1049 शिक्षकों के नाम कानपुर विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में भी पाए गए हैं।

मामले में कार्रवाई के लिए कानपुर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अवध विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र भेजा है। इसमें विश्वविद्यालय परिसर में मोटी तनख्वाह पर तैनात 47 शिक्षकों और अनुदानित महाविद्यालयों के 79 शिक्षकों के नाम भी शामिल हैं।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों व उससे जुड़े कॉलेजों में हाल ही में केंद्रीय एचआरडी मंत्रालय की ओर से शिक्षकों के डाटा ऑनलाइन करने की कवायद से एक ही शिक्षक के कई जगह पढ़ाने की बात सामने आई थी। इसके बाद अवध विश्वविद्यालय ने डाटा ऑनलाइन करने की कवायद शुरू की तो 1528 शिक्षकों के नाम कई कॉलेजों में पाए गए।

इन शिक्षकों ने अपने मूल तैनाती वाले कॉलेज का नाम बताते हुए हलफनामा दिया, साथ ही आरोप लगाया कि दूसरे कॉलेजों में जहां भी उनका नाम प्रयोग किया गया हैं, वे फर्जी है और उनके जानकारी में नहीं है। न ही कोई वित्तीय लाभ लिया है। मामले में संबंधित कॉलेजों से विश्वविद्यालय प्रशासन ने जवाब तलब किया है। जबकि 171 कॉलेजोें ने आजतक अपने शिक्षकों का ब्योरा ऑनलाइन नहीं किया। जिसे विश्वविद्यालय की ओर से ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।

अब कानपुर विश्वविद्यालय ने शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने की प्रक्रिया की तो इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जब अवध विश्वविद्यालय के शिक्षकों की ऑनलाइन सूची से मिलान कराया तो सामने आया कि 1049 शिक्षक ऐसे हैं जो अवध विश्वविद्यालय समेत कानपुर विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में भी तैनात हैं।

इसमें भी खास बात है कि इसमें 47 शिक्षक ऐसे हैं जो अवध विश्वविद्यालय परिसर में ही तैनात हैं। इनके नाम के सहारे कई विषयों की उच्च कक्षाओं के संचालन की अनुमति ली गई है। जबकि यह शिक्षक यहां मोटी तनख्वाह लेकर काम कर रहे हैं। ऐसे ही 79 शिक्षक यहां के अनुदानित महाविद्यालयों के हैं, जो कानपुर के स्ववित्तपोषित कॉलेजों में अनुमोदित दिखाए गए हैं। जबकि यहां के स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के 891 शिक्षकों के नाम भी सामने आए हैं।

कानपुर विश्वविद्यालय ने अवध विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों का नाम और शिक्षकों की संख्या जारी की है। कानपुर विश्वविद्यालय ने हाल-फिलहाल में दो बार सूची जारी है। पहली सूची में अवध विश्वविद्यालय के अनुदानित महाविद्यालयों के सूची थी। इसमें 14 महाविद्यालयों के 79 शिक्षकों का नाम सामने आए थे।

अब कानपुर विश्वविद्यालय की ओर से दूसरी सूची जारी की गई है। इसमें अनुदानित व स्ववित्तपोषित दोनों महाविद्यालयों का नाम शामिल किया है। यह सूची कानपुर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कार्रवाई के लिए अवध विश्वविद्यालय पहुंच गई है। अब अवध विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई करने के लिए शिक्षकों को चिह्नित कर रहा है।

बताया जा रहा है कि कार्रवाई अंतिम दौर में है। इनमें सर्वाधिक अचरज की बात यह है कि विश्वविद्यालय परिसर में भी फर्जी अनुमोदित शिक्षकों की भरमार है। यहां पर भी 47 शिक्षक दो-दो विश्वविद्यालयों में अनुमोदित हैं। यह कैसे संभव हो पाया, इसकी भी जांच की जा रही है।
अवध विश्वविद्यालय में पहले ही 1528 शिक्षक मिले थे फर्जी

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देशों के क्रम में डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने फर्जी शिक्षकों को चिह्नित करने के लिए अपनी वेबसाइट पर एक पोर्टल बनाया था। साथ ही महाविद्यालयों को शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन कर सत्यापित किए जाने की बात कही थी। इसमें अवध विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों के 6445 शिक्षकों में से 1528 फर्जी पाए गए थे। इन शिक्षकों पर कार्रवाई के आदेश दिए गए थे। साथ ही विश्वविद्यालय से संबद्ध 171 स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों ने अपने शिक्षकों का डाटा सत्यापित करने में रुचि नहीं दिखाई थी। इन महाविद्यालयों को परीक्षा केंद्र न बनाए जाने व अगले वर्ष से सत्र को रोके जाने की चेतावनी दी गई थी।

महाविद्यालयों के प्रबंधतंत्र तक हो कार्रवाई
अवध विश्वविद्यालय के कोर्ट सदस्य ओम प्रकाश सिंह का मानना है कि महाविद्यालयों में शिक्षकों का अनुमोदन एक बड़ा घोटाला है। इसकी जड़े काफी गहरी हैं। सूची मिलने के बाद पूरे मामले की नए सिरे से जांच होनी चाहिए। इसमें आरोपित शिक्षकों पर प्राथमिकी व प्रबंध तंत्र से लेकर मान्यता समिति तक पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि फिर से इन गलतियों की पुनरावृत्ति न हो।

…तो प्रबंधन पर संबंधित विश्वविद्यालय कार्रवाई करेगा
डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलसचिव संजय कुमार ने कहा कि कानपुर व अवध विश्वविद्यालय दोनों जगह अनुमोदित 1049 शिक्षकों को चिह्नित किया गया है। इनको नोटिस जारी कर पूछा जा रहा है कि हलफनामा दें कि सही तैनाती कहां है। ताकि अन्यत्र जगह से उनके नाम का अनुमोदन रद्द कराया जा सके। यदि दोनों जगह कार्यरत रहकर वेतन आदि सुविधा लेने का मामला सामने आता तो वित्तीय व धोखाधड़ी के मामले में नियमानुसार संबंधित विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई करेगा। यदि प्रबंधतंत्र ने फर्जी रूप से नाम का इस्तेमाल किया है तो प्रबंधन पर संबंधित विश्वविद्यालय कार्रवाई करेगा।

Back to top button