बड़ी खबर: ‘अपराधियों नहीं बल्कि राजनीतिक विरोधियों पर लगाम कसने के लिए है यूपीकोका’
भारी हंगामे के बीच मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में यूपीकोका बिल पास हो गया. विधानसभा में यूपीकोका बिल तब पास हुआ जब विपक्ष ने इसका पूरा बहिष्कार कर दिया.
इससे पहले भी सदन ने इसे पास किया था, लेकिन विधान परिषद में बहुमत नहीं होने की वजह से यूपीकोका बिल गिर गया था, अब दूसरी बार विधानसभा में लाकर इसे फिर से पास कराया गया है और अब यह सीधे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए जाएगा यानी जल्द ही मकोका की तर्ज पर यूपीकोका कानून भी दिखाई देगा जो उत्तर प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ एक और बड़ा हथियार साबित हो सकता है.
नियम के मुताबिक अगर विधान परिषद में कोई बिल गिर जाता है और विधानसभा उसे दोबारा पास कर देती है तो उसे फिर से विधान परिषद नहीं भेजा जाता और उसे सीधे राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाता है जहां पास होना बाध्यता है.
बजट सत्र का आखिरी दिन होने की वजह से आज योगी आदित्यनाथ ने खुद विधानसभा में यूपीकोका रखते हुए इस पर चर्चा शुरू की थी और जमकर इसके फायदे गिनाए थे, पहले अपनी सरकार में अपराध पर लगाम लगने के आंकड़ों को उन्होंने रखा और फिर यूपीकोका को लागू करने की जरूरत समझाई.
पूरा विपक्ष यूपीकोका के खिलाफ था क्योंकि उसे डर है कि पोटा और एनएसए जैसे कानून की तर्ज पर इसका भी दुरुपयोग हो सकता है और सत्ता पक्ष इसका इस्तेमाल जनप्रतिनिधियों नेताओं पत्रकारों और सिविल सोसायटी के लोगों के खिलाफ कर सकती है.
नतीजे जल्द
यूपीकोका की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले से ही नियंत्रित हो रहे अपराध पर यूपीकोका अपराध पर आखिरी हमले जैसा होगा और इसके नतीजे जल्द दिखाई देंगे.
दूसरी ओर, विपक्षी दलों को यह बिल रास नहीं आया. बीएसपी नेता लालजी वर्मा ने कहा कि सरकार अपराधियों के नियंत्रण के लिए यह बिल नहीं लाई है अपने राजनीतिक विरोधियों को क्लिक करने के लिए काला कानून लेकर आई है. निश्चित रूप से यह एक लोकतंत्र की हत्या के समान विधेयक है. यह लोकतंत्र को खत्म करने वाला विधेयक है.
प्रदेश के लिए काला दिवस
उन्होंने आगे कहा कि हमारा यह मानना है अगर सरकार इस तरीके का अपराध नियंत्रण करना चाहती तो महाराष्ट्र में ऐसी ही बीजेपी की सरकार में ऐसा ही एक विधेयक और कानून बना हुआ है, लेकिन उससे कितना अपराध नियंत्रण हो रहा है यह भी देखने वाली बात है अगर अपने पक्ष का कोई अपराध करता है तो उसे वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है और दूसरे पक्ष का होता है तो उसे प्रताड़ित करने का काम किया जाता है इस विधेयक का हम पुरजोर विरोध करते हैं.
समाजवादी पार्टी के नेता और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने भी बिल पर निराशा जाहिर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश का आज काला दिवस है, सरकार ने यूपीकोका को पास करा लिया है. यह आम जनता, किसानों, गरीबों और पत्रकारों के लिए हानिकारक है. सरकार फेल हो चुकी है. उसने जनता से जो वादा किया था उसमें से एक भी पूरा नहीं कर सकी है. अब इस काले कानून के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों को और जो सरकार के खिलाफ पत्रकार लिखते हैं उन पर भी लगाम कसने की अपनी गिरफ्त में लेने के लिए यह दुस्साहस कर रही है.
सदन में कांग्रेस के नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार ने काला कानून लाकर अंग्रेजी हुकूमत याद दिलाने का काम किया है, यह काला कानून है, संविधान विरोधी है, लोकतंत्र विरोधी है. इसमें पत्रकारों तक को आजादी नहीं है. कांग्रेस इस बिल का पुरजोर विरोध करेगी और हमने इसी के विरोध में वॉकआउट भी कर दिया.