यहां मकड़ी के जाल से सजता है क्रिसमस ट्री, और सुबह होते ही बन जाता है GOLD

जापान में क्रिसमस के दिन छुट्टी नहीं होती, लेकिन वहां के लोगों को केएफसी में इकट्ठा होकर जश्न मनाने से कोई नहीं रोक सकता। क्रिसमस के दिन आप क्या करते हैं? क्रिसमस कार्ड बनाते होंगे। घर एवं स्कूल को क्रिसमस ट्री से सजाते होगे। गिफ्ट के लिए सांता क्लॉज की राह देखते होंगे। क्या तुम जानते हो कि अलग-अलग देशों में इससे भी मजेदार तरीके से लोग क्रिसमस सेलिब्रेट करते हैं? उनका यह तरीका फनी भी होता है, तो कुछ अजीबो-गरीब भी। 

इटली- क्या आप जानते हैं कि इटली में बच्चों से मिलने के लिए सांता क्लॉज नहीं आते हैं। यहां पर बच्चे 5 जनवरी की रात को ला बेफाना (क्रिसमस चुड़ैल) के आने का इंतजार करते हैं। यह चिमनी के जरिए घर में प्रवेश करती है। अच्छे बच्चों के लिए गिफ्ट व कैंडी रखती है, तो शैतान बच्चों के लिए कोयला। 

यूक्रेन- यहां पर लोग क्रिसमस ट्री को मकड़ी के जाले से सजाते हैं। इस प्रथा की शुरुआत एक प्राचीन लोककथा के आधार पर हुई है, जिसमें एक गरीब विधवा अपने बच्चों के लिए क्रिसमस ट्री नहीं सजा पाती। उसकी प्रार्थना सुनकर, मकड़ियों के एक झुंड ने उसके पेड़ को अपने जाले से सजाया। सुबह सूर्य की किरणें पड़ते ही मकड़ी का जाला जादुई रूप से सोने और चांदी में बदल जाता है।

मेक्सिको- हर साल 23 दिसंबर को सैकड़ों पेशेवर खाद्य कलाकार और खाद्य शौकीन ओक्साका शहर में ‘नाइट ऑफ द रैडिशेज’ मुकाबले के लिए जमा होते हैं। इसमें मूली पर वन्यजीवों से लेकर स्थानीय जीवों तक के चित्र उकेरे जाते हैं। इसमें प्रयोग की जाने वाली मूली का वजन तीन किलोग्राम और लंबाई 50 सेमी होती है। इसे खासतौर पर क्रिसमस के त्योहार को सेलिब्रेट करने के लिए ही उगाया जाता है। मुकाबले में जीतने वालों को 633 डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है।  

आइसलैंड- यह दिन अनोखे अंदाज से यहां मनाया जाता है। यहां एक नहीं, बल्कि 13 सांता क्लॉज होते हैं। उन्हें एक पौराणिक राक्षस ग्रिला का वंशज माना जाता है। उनका आगमन 12 दिसंबर से ही शुरू हो जाता है और क्रिसमस वाले दिन तक जारी रहता है।  

 

 

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