झक सफेद कुर्ता और गले में कांग्रेसी फीता, क्या लगता है आपको कि ये देश के अगले प्रधानमंत्री होंगे? यूपीए को तो यही लगता है, जिस तरह से देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपना आत्मविश्वास दिखा रही है, यह कोई बड़ी बात नहीं। लेकिन बड़े हो गए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह जरूर एक बड़ी तस्वीर है। जिस तरह कांग्रेस ने अपने 84वें अधिवेशन का रुख बदला है, सियासी प्रतिस्पर्धा में मोदी की सभा जैसी भव्य एक तस्वीर कांग्रेसी नेताओं को शान दिखाने का मौका दे रही है।
34 सदस्यीय स्टियरिंग कमिटी की मीटिंग के बाद अब देश को झकझोरने की कोशिश हुई। जिसमें कमिटी अधिवेशन में आने वाले विभिन्न प्रस्तावों पर आपसी चर्चा कर आगे की रणनीति पर जोर लगाना शुरू हो गया है। मीटिंग तो कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में शुरू हुई लेकिन कांग्रेस के 1500 के आसपास एआईसीसी सदस्य और 12,000 से ज्यादा पीसीसी डेलिगेट्स के लिए मौका आज था। जिसे कितना भुनाया गया ये शाम तक पता चल जाएगा। अभी जो असर है वो भी कम नहीं है, कांग्रेस के बड़े नेताओं का बड़बोलापन सामने आने लगा है।
भविष्य की रणनीति पर कांग्रेस के भीतर दो-दो प्रस्तावों पर गहन मंथन होना बाकी है। जबकि कांग्रेस की वर्किंग कमिटी का गठन होगा अभी कांग्रेस को टेबल सजाने का एक मौका देगा। हो सकता है कि अधिवेशन भुनाने वाला नेता वर्किंग कमिटी में जगह पा जाए। क्योंकि कांग्रेस की रणनीति को जमीन पर सच करने की जद्दोजहद में ज्यादा समय बाकी नहीं है। 2019 के महासंग्राम के लिए ये महातस्वीरें बता रही हैं कि कांग्रेस ने भी मोदी वाला फॉर्मूला अपना शुरू कर दिया है। यानी आयोजनों को भव्य और सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल।
दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कांग्रेसी विरासत भोग रहे मां-बेटे की तस्वीर में आपको कुछ और दिखाई पड़ेगा। तो वहीं कांग्रेस के आला नेता तस्वीरों को दूसरी तरह से भुनाने की कोशिश में लगे हैं। तीन दिनों का यह कांग्रेसी अधिवेशन पिछली बार के बुराड़ी से बिल्कुल अलग है। इसकी वजह है कि इस बार राहुल नाम ज्यादा गूंज रहा है और नेताओं की एक राय इसका सुर ऊंचा कर रही हैं।
जहां मंच की तस्वीर ये बता रही है कि राहुल को लेकर यूपीए गठबंधन में कितनी एकजुटता है, वहीं मां सोनिया के साथ राहुल अभी भी कई मुद्दों पर असहज नजर आते हैं। तो कुछ मामले ऐसे में भी हैं जिन पर राहुल का आत्मविश्वास सोनिया से बेहतर है। बदलते भारत की तस्वीर में कांग्रेस विरासत की यह तस्वीर कितनी फिट बैठती है इसका जवाब तो जनता देगी। लेकिन कई जवाब अभी कांग्रेस को अपनी पार्टी से ही पूछना है और इसीलिए ये अधिवेशन जारी है।