बड़ी खबर: कल MNS की रैली, आज शरद पवार से मिले राज ठाकरे, राजनीति गरमाई

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को होने वाली अपनी पार्टी की रैली से पहले शनिवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की. इसके बाद से राजनीतिक गलियारे में चर्चा गरमाई हुई है. हालांकि ठाकरे ने कहा कि उन्होंने शिष्टाचार के नाते शरद पवार से मुलाकात की है और दोनों नेताओं की बैठक राजनीतिक नहीं थी. हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की शरद पवार से मुलाकात के बाद राज ठाकरे की यह मुलाकात सामने आई है.

बड़ी खबर: कल MNS की रैली, आज शरद पवार से मिले राज ठाकरे, राजनीति गरमाई

मनसे नेता ने दक्षिण मुंबई स्थित पवार के आवास पर उनसे मुलाकात की. रविवार को राज ठाकरे यहां मनसे की एक रैली को संबोधित करने वाले हैं. वहीं, रविवार को शरद पवार राज ठाकरे के चचेरे भाई और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में एक पुस्तक के विमोचन से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. इससे पहले बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन लोकसभा सीट के उप चुनावों में बीजेपी की हार के बाद NCP प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की थी.

माना जा रहा है कि राहुल गांधी और शरद पवार ने इस दौरान 2019 लोकसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी पार्टियों की एकजुटता के संबंध में बातचीत की थी. दोनों नेताओं के बीच 90 मिनट तक बैठक हुई थी और दोनों ने उत्तर प्रदेश में गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीट और बिहार की अररिया सीट पर बीजेपी की हार के बाद के राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की थी. उत्तर प्रदेश की दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी को बहुजन समाज पार्टी ने समर्थन दिया था और इस परिणाम से वर्ष 2019 चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने की सोच को प्रमुखता से सामने ला दिया.

इससे पहले पिछले महीने राज ठाकरे ने शरद पवार का इंटरव्यू लिया था. इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के कई सवालों के जवाब दिए थे. 150 मिनट तक चले इस इंटरव्यू के दौरान राज ठाकरे ने शरद पवार  के 50 साल के राजकीय, सामाजिक, कृषि, खेल और सांस्कृतिक जीवन के सफर के बारे में जानने की कोशिश की थी. वैसे देखा जाए, तो नवंबर 2017 में इस विशेष बातचीत की घोषणा BVG ग्रुप के फाउंडर डायरेक्टर हनुमंत गायकवाड़ ने की थी. यह मुलाकात छह जनवरी को होने वाली थी, लेकिन भीमा कोरेगांव हिंसा की वजह से कुछ समय के लिए इसको रद्द कर दिया गया था.

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