बड़ी खबर: ‘गीतांजलि’ के CFO, VP, बोर्ड के सदस्यों का इस्तीफा, वेबसाइट भी ठप
11,400 करोड़ रुपये के पीएनबी कर्ज घोटाले में फंसी गीतांजलि जेम के प्रबंधन के बड़े अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को कंपनी की ओर से बताया गया कि इनमें सीएफओ चंद्रकांत करकरे और बोर्ड के सदस्य शामिल हैं। कंपनी की कंप्लाइंस ऑफिसर पंखुड़ी वारंगे ने 13 फरवरी को इस्तीफा दे दिया। वहीं करकरे ने 15 फरवरी को सीएफओ का पद छोड़ दिया। इसके बोर्ड के सदस्य कृष्णन संगमेश्वरन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी की वेबसाइट भी काम नहीं कर रही है। मेंटीनेंस के काम को इसकी वजह बताया गया है। कंपनी का दावा, सीएफओ ने निजी कारणों से छोड़ा पद
कंपनी के अनुसार, सीएफओ करकरे ने निजी कारणों के चलते इस्तीफा दिया है। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा, ‘हाल ही में मेरी पत्नी की लीलावती अस्पताल में बड़ी सर्जरी हुई है। इसके बाद भी उनका स्वास्थ्य उम्मीद के अनुरूप नहीं सुधरा है। इस कारण मुझे अपनी सीएफओ की जिम्मेदारियां उठाने में दिक्कत हो रही है। …भविष्य में और मुश्किल हो सकती है। इसलिए मेरा इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया जाए।’
गीतांजलि जेम ने सीएफओ के इस्तीफे की एक प्रति सीएसई में जमा करा दी है। इधर, लगातार चौथे दिन गीतांजलि के शेयरों में गिरावट जारी रही। पीएनबी घोटाले में कंपनी की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही है।
इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर पंखुड़ी वारंगे ने कहा, कंपनी के कर्मचारियों में डर और अनिश्चितता का भाव है। वरिष्ठ प्रबंधन की ओर से कुछ नहीं बताया जा रहा है। इस कारण मैंने इस्तीफा दे दिया। उधर, कंपनी के स्वतंत्र निदेशक कृष्णन ने कहा, ‘मैंने देखा कि कंपनी में अहम पद पर बैठे लोगों ने इस्तीफा दे दिया है। चीजें स्पष्ट करने और बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए कोई नहीं है।’