#बड़ी खुशखबरी: शिक्षक भर्ती के लिए सभी अभ्यर्थियों को मिलेगा पुनर्मूल्यांकन का मौका

68500 सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा 2018 में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। परीक्षा में हुई अनियमितता की शिकायत की जांच के लिए गठित गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय आर भूसरेड्डी की जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने परीक्षा में शामिल हुए सभी अभ्यर्थियों को पुनर्मूल्यांकन का अवसर देने का फैसला किया है।#बड़ी खुशखबरी: शिक्षक भर्ती के लिए सभी अभ्यर्थियों को मिलेगा पुनर्मूल्यांकन का मौका

मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तर पुस्तिका की जांच करने वाली लखनऊ की कंपनी को काली सूची में डाल दिया गया है। वहीं परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार जितेंद्र सिंह नेगी और डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेम चंद्र कुशवाहा को निलंबित कर दिया गया है। 

शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा की जांच रिपोर्ट और स्क्रूटनी की समीक्षा की। संजय आर भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने जांच रिपोर्ट में परीक्षा में भारी अनियमितता होना बताया।

भूसरेड्डी ने सभी अभ्यर्थियों के उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी के साथ-सभी अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन कराने का सुझाव दिया। जांच कमेटी ने उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करने के लिए नियुक्त लखनऊ की कंपनी की भारी लापरवाही और मिलीभगत को भी उजागर किया है।

मुख्यमंत्री ने जांच रिपोर्ट का गहनता से अध्ययन करने के बाद सभी अभ्यर्थियों को पुनर्मूल्यांकन कराने का अवसर देने के निर्देश दिए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने बताया कि सभी एक लाख 7 हजार 873 से अधिक अभ्यर्थी उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन के लिए 11 से 20 अक्टूबर के बीच आवेदन कर सकेंगे। पुनर्मूल्यांकन निशुल्क किया जाएगा, पुनर्मूल्यांकन के परिणाम में अभ्यर्थी मेरिट में शामिल हुए तो उन्हें सहायक अध्यापक पद पर नौकरी दी जाएगी।

दो निलंबित, सात पर अनुशासनात्मक कार्रवाई

जांच कमेटी ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार जितेन्द्र सिंह नेगी और डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचंद्र कुशवाह को जिम्मेदार ठहराया है। अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने बताया कि सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में अनियमितता के मामले में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार जितेन्द्र सिंह नेगी और डिप्टी रजिस्ट्रार प्रेमचंद्र कुशवाह को निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ के 7 कर्मचारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। पर्यवेक्षण कार्य में लापरवाही पर एससीइआरटी के सात अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

मूल्यांकन करने वाली लखनऊ की फर्म ब्लैक लिस्टेड

बीते डेढ़ वर्ष में प्रदेश की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा (68500 सहायक अध्यापक भर्ती लिखित परीक्षा) में उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन का कार्य लखनऊ में विधानसभा मार्ग स्थित मैंनेजमेंट कंट्रोल सिस्टम प्रा. लिमिटेड को दिया गया था। प्रभात कुमार ने बताया कि उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में लापरवाही और गड़बड़ी पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया है। मुख्यमंत्री ने कंपनी का कंपनी का भुगतान नहीं करने और कंपनी को सरकार के सभी विभागों, निगम, बोर्ड और आयोग में भी काम नहीं देने के निर्देश दिए।

स्क्रूटनी से 51 नए अभ्यर्थियों को मिलेगी नौकरी, 53 की जा सकती है नौकरी

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार ने मुख्यमंत्री के समक्ष सभी 1 लाख 7 हजार अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका की स्क्रूटनी की रिपोर्ट पेश की। प्रभात कुमार ने बताया कि स्क्रूटनी में 343 कापियों में गड़बड़ी मिलने पर उनके परीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। स्क्रूटनी में 51 ऐसे अभ्यर्थी सामने आए हैं, जिन्हें परिणाम में फेल बताया गया था जबकि वह मेरिट में आ रहे हैं। इन सभी 51 अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 53 ऐसे अभ्यर्थी भी आए हैं जिन्हें परिणाम में सफल बताया गया है। जबकि वह स्क्रूटनी में फेल हुए हैं।  ऐसे 53 अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिका का पुनर्मूल्यांकन कराया जाएगा। पुनर्मूल्यांकन के परिणाम के आधार पर उन्हें दी गई सहायक अध्यापक की नौकरी का भविष्य तय होगा।
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