IDBI बैंक को बड़ा झटका, दूसरी तिमाही में 3,602 करोड़ रुपये का हुआ घाटा

सार्वजनिक क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक का शुद्ध घाटा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बढ़कर 3,602.49 करोड़ रुपये हो गया. फंसे कर्ज में लगातार वृद्धि से बैंक को इस तिमाही में नुकसान हुआ. पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में उसे 197.84 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. बैंक ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि समीक्षाधीन अवधि में उसकी आय घटकर 6,162.14 करोड़ रुपये रह गई. एक साल पहले की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 8,302.42 करोड़ रुपये था. IDBI बैंक को बड़ा झटका, दूसरी तिमाही में 3,602 करोड़ रुपये का हुआ घाटा

बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़कर उसके सकल कर्ज के 31.78 प्रतिशत (60,875.49 करोड़ रुपये) पर पहंच गयी. इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 24.98 प्रतिशत (51,367.69 करोड़ रुपये) था. बैंक का शुद्ध एनपीए उसके शुद्ध कर्ज का 17.30 प्रतिशत (27,294.58 करोड़ रुपये) रहा, जो कि एक साल पहले इसी अवधि में 16.06 प्रतिशत (29,488.83 करोड़ रुपये) था.

बैंक के डूबे कर्ज का अनुपात भी क्रमिक रूप से बढ़ा है. आईडीबीआई बैंक का एनपीए के मद में प्रावधान जुलाई- सितंबर 2018 में बढ़कर 5,481.64 करोड़ रुपये हो गया. इससे पिछले साल की इसी अवधि में यह 2,842.15 करोड़ रुपये था. इस दौरान बैंक का कुल प्रावधान और आकस्मिक खर्च बढ़कर 6,579.83 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले की इसी अवधि में यह आंकड़ा 3,261.42 करोड़ रुपये था.

सरकारी बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को चालू वित्त वर्ष की सितंबर में समाप्त तिमाही में 923.60 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. बैंक को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 750.41 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक को 1,522.24 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.

बैंक ने शेयर बाजार को बुधवार को बताया कि आलोच्य तिमाही के दौरान उसकी कुल आय भी पिछले वित्त वर्ष के 6,896.26 करोड़ रुपये से गिरकर 6,197 करोड़ रुपये पर आ गई. बैंक ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने तथा मुख्य आय में कमी आने से उसे घाटा हुआ है. बैंक का एकीकृत एनपीए 17.27 प्रतिशत से बढ़कर 21.48 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 9.53 प्रतिशत से बढ़कर 10.36 प्रतिशत पर पहुंच गया.

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