बड़ा खुलासा : बंटवारे के बाद भी पाक में चलता था भारतीय रुपया, RBI गवर्नर के होते थे हस्ताक्षर
भारत और पाकिस्तान को आजाद हुए इस बार 71 साल पूरे हो जाएंगें और दोनों देश अपना 72वां स्वाधीनता दिवस मनाएंगे। दोनों देश कभी एक थे, लेकिन धर्म के आधार पर हुए इस बंटवारे के बाद भी कई ऐसी चीजें हैं जिनमें पर भारतीयों को गर्व होना चाहिए। इनमें से एक पाकिस्तान का रुपया भी है।
भारत में छपते थे पाकिस्तानी नोट
15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद मार्च 1948 तक केवल भारतीय नोट ही पाकिस्तान में चलते थे । 1 अप्रैल 1948 से पाकिस्तान में भारत में चल रहे सभी तरह के नोटों के सर्कुलेशन को बंद कर दिया। इसके स्थान पर भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 1948 से पाकिस्तान सरकार के लिए नोट छापना शुरू किया। इन नोटों का प्रयोग केवल पाकिस्तान में ही हो सकता था।
आरबीआई गवर्नर के होते थे साइन
पाकिस्तान के लिए तैयार किए यह नोट नासिक स्थित सिक्युरिटी प्रेस में छपते थे। नोट पर आरबीआई के गवर्नर के ही साइन होते थे। नोट पर अंग्रेजी व उर्दू में गवर्नमेंट ऑफ पाकिस्तान और हुकूमत-ए-पाकिस्तान लिखा होता था।
इन नोटों की होती थी छपाई
तब आरबीआई 1,5,10 और 100 रुपये के पाकिस्तानी नोट छापता था। पाकिस्तान की सरकार 1953 से लेकर के 1980 तक एक रुपये का नोट खुद ही जारी करता रहा।